छावनी परिषद के चुनाव फिर हुए निरस्त, अनेक दावेदारों के सपने चकनाचूर


अब नामित सदस्य की घोषणा होगी या चुनाव की, अभी तय नहीं है, लेकिन इतना तय हो गया है कि दोनों ही राजनीतिक दलों में युवा नेता की गुटबाजी कितनी और कैसी होगी सबको दिख गया।


अरूण सोलंकी
इन्दौर Published On :
mhow cantonment councils abolished

महू। महू छावनी परिषद के चुनाव एक बार फिर से निरस्त हो गए हैं। न्यायालय के आदेश से छावनी परिषद चुनाव के लिए अनेक दावेदारों की बीते एक महीने से की जा रही उनकी मेहनत और उनके सपने भी चकनाचूर हो गए।

आठ साल बाद छावनी परिषद के चुनाव अप्रैल माह की 30 तारीख को होना था और इस तारीख के सामने आने के बाद से ही छावनी परिषद ने अपनी तैयारियां शुरू कर दी थी।

इसके साथ ही महू शहर के अनेक नेताओं ने छावनी परिषद का पार्षद बनने के सपने देखना भी शुरू कर दिए थे जिसके लिए अपने-अपने स्तर पर दिन-रात प्रयास कर रहे थे कि चुनाव लड़ कर छावनी परिषद में जन प्रतिनिधि की जिम्मेदारी निभाएंगे।

बता दें कि परिषद चुनाव की घोषणा होते ही सबसे ज्यादा फूट भारतीय जनता पार्टी में नजर आई थी। पार्टी के कुछ नेता पार्टी के चुनाव टिकट पर लड़ने के सपने देख रहे थे तो कुछ नेताओं ने टिकट ना मिलने पर बागी बनकर चुनाव लड़ने का ठान लिया था।

कांग्रेस में भी कुछ हद तक यही बात थी। सभी नेता अपने-अपने आकाओं से लगातार संपर्क व संबंध बनाने में जुट गए थे कि वह टिकट दिला सकें, लेकिन इन तैयारियों के बीच यह भी कशमकश थी कि चुनाव होंगे या नहीं।

शुक्रवार की शाम को न्यायालय के आदेश के बाद एक बार फिर नेताओं के सपनों पर पानी फिर गया और चुनाव निरस्त हो गए। छावनी परिषद भी विगत एक माह से लगातार तैयारियां कर रहा था।

महू शहरी क्षेत्र के सैकड़ों युवा पार्षद बन जनप्रतिनिधि बनने का सपना देख रहे थे क्योंकि पिछली बार अंतिम चुनाव 1995 मे हुए थे। परिषद के पार्षदों का कार्यकाल पांच साल का रहता है।

2020 में कार्यकाल खत्म होने के बाद काफी समय तक नामित सदस्य की घोषणा नहीं हो सकी। इसके बाद इंदौर के सांसद सुमित्रा महाजन के कट्टर समर्थक शिव शर्मा को विधायक उषा ठाकुर ने नामित सदस्य के रूप में पदस्थ करवाया जो विगत एक साल से महू शहर के एकमात्र जनप्रतिनिधि के रूप में काम कर रहे थे।

अब नामित सदस्य की घोषणा होगी या चुनाव की, अभी तय नहीं है, लेकिन इतना तय हो गया है कि दोनों ही राजनीतिक दलों में युवा नेता की गुटबाजी कितनी और कैसी होगी सबको दिख गया।


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