इंदौरः इस जगह देश में पहली बार हुआ गोवंशों के लिए अन्नकूट का आयोजन


पौष माह की पूर्णिमा पर गौशाला में गुरुवार को हजारों गो-भक्तों ने चार सौ गोवंशों को विभिन्न प्रकार के व्यंजन खिलाकर पुण्य लाभ लिया। यहां महाआरती का भी आयोजन किया गया।


अरूण सोलंकी अरूण सोलंकी
इन्दौर Updated On :
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– सैंकड़ों गोवंशों को हजारों नागरिकों ने कराया भोजन।
महू। दीपावली के बाद विभिन्न समाजों द्वारा अन्नकूट के आयोजन होना आम बात है लेकिन गोवंशों के लिए अन्नकूट का आयोजन किया गया। यह विशेष है जो सिर्फ महू गौशाला में ही होता है।

पौष माह की पूर्णिमा पर गौशाला में गुरुवार को हजारों गो-भक्तों ने चार सौ गोवंशों को विभिन्न प्रकार के व्यंजन खिलाकर पुण्य लाभ लिया। यहां महाआरती का भी आयोजन किया गया।

तेली खेड़ा स्थित राधाकृष्ण गोशाला में दूसरे साल भी गोवंशों के लिए विशेष अन्नकूट का आयोजन किया गया। अब तक तो दीपावली के बाद समाजों व समितियों द्वारा नागरिकों के लिए अन्नकूट का आयोजन होता आया है, लेकिन यहां की समिति द्वारा गोवंशों के लिए भी अन्नकूट का आयोजन करना शुरू किया गया जो कि पौष माह की पूर्णिमा को किया गया।

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गोशाला में गुरुवार की शाम को आरती की गई जिसमें बड़ी संख्या में गो-भक्त शामिल हुए। इसके बाद सभी ने अपने हाथो से गोवंशों को यहां बने विभिन्न प्रकार के व्यजंन का भोजन कराया जिसमें जलेबी, समोसे, गुड़, हरे बटले, पूड़ी, केले, पालक, हरा चना आदि थे।

इस आयोजन में समिति के राधेश्याम यादव, ओमप्रकाश माहेश्वरी, शैलेंद्र शुक्ला, शेखर बुंदेला, कपिल शर्मा, गोपाल जोशी, महेश माहेश्वरी आदि प्रमुख थे।

इतनी सामग्री लगी –

इस प्रसादी को बनाने में बड़ी मात्रा में सामग्री का उपयोग हुआ जिसमें 100 किलोग्राम जलेबी, 2000 समोसे, 2000 केले, डेढ़ क्विंटल गुड़, 5 क्विंटल बटले, 3 क्विंटल हरा चना, 3 क्विंटल आटे की पूड़ी, 1 क्विंटल पालक था।

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इस गोशाला में 400 गोवंश हैं, जिनकी देखभाल समिति द्वारा की जाती है। समिति के राधेश्याम यादव, ओम प्रकाश माहेश्वरी ने बताया कि पौष माह की पूर्णिमा पर गाय की सेवा विशेष महत्व रखती है।

समिति द्वारा इस आयोजन का यह दूसरा साल है। संभवतः देश में गोवंश के लिए कहीं और इस प्रकार का अन्नकूट का आयोजन नहीं किया जाता है।



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