महू। बैंकों के निजीकरण के विरोध में दो दिनी हड़ताल के दूसरे दिन बैंक कर्मचारियों ने नारेबाजी करते हुए प्रदर्शन किया। इस प्रदर्शन में एक पांच वर्षीय बालिका भी अपने बैंककर्मी माता-पिता के साथ शामिल हुई।
बैंकों के निजीकरण के विरोध में बैंक अधिकारियों व कर्मचारियों द्वारा दो दिनी हड़ताल की गई। बैंक कर्मचारियों की स्थानीय स्तर पर कोई शाखा नहीं होने से महू की शाखाओं के कर्मचारी हड़ताल के नाम पर घर पर बैठे रहते थे। ना कोई प्रदर्शन और ना ही किसी प्रकार का धरना-ज्ञापन दिया जाता था।
लेकिन मंगलवार को पहली बार बैंक कर्मचारियों ने एकजुट होकर प्रदर्शन किया। ड्रीमलैंड चौराहे पर मंगलवार की सुबह कर्मचारियों ने करीब एक घंटे तक हाथों में विरोध के पोस्टर लेकर प्रदर्शन किया।
इस दौरान जमकर नारेबाजी भी की गई। इस प्रदर्शन में एक पांच वर्षीय बालिका भी अपने माता-पिता के साथ शामिल हुए। बालिका एवर्रली के पिता अभिषेक यूनियन बैंक में व माता जोनिटा एसबीआई में पदस्थ हैं।
बालिका एवर्रली ने कहा कि निजीकरण के कारण जब मेरे माता-पिता को परेशानी होगी तो फिर मुझे भी परेशानी होना तय है इसलिए इस प्रदर्शन में शामिल हुई।
इस प्रदर्शन में राजेश जिंदल सहित अनेक बैंक कर्मचारी शामिल हुए। दो दिन की इस हड़ताल के कारण करीब पचास करोड़ का लेन-देन प्रभावित हुआ है। चार दिन के अवकाश के बाद बुधवार से एक बार फिर बैंक शाखाएं खुलेंगी।