निर्माणाधीन फार्म हाउस की छत गिरने से बड़ा हादसा: पांच मजदूरों की मौत, निर्माण कार्य में अनदेखी का संकेत


फार्म हाउस चोरल मुख्यमार्ग से कुछ अंदर, मुक्तिधाम के नजदीक स्थित है। हादसे के समय, मलबे में 7 से 10 मजदूर दब गए थे, जिनमें से अब तक पांच की मौत की पुष्टि हो चुकी है। शुक्रवार सुबह जब ग्रामीणों ने दुर्घटना का पता लगाया, तो उन्होंने तुरंत सिमरोल पुलिस को सूचित किया।


अरूण सोलंकी अरूण सोलंकी
इन्दौर Updated On :

इंदौर के पास महू के चोरल गांव में गुरुवार देर रात एक निर्माणाधीन फार्म हाउस की छत गिरने से बड़ा हादसा हुआ, जिसमें पांच मजदूरों की मौत हो गई। यह दर्दनाक घटना शुक्रवार सुबह तब सामने आई जब ग्रामीण मौके पर पहुंचे और मलबे में दबे मजदूरों की स्थिति का पता चला। उन्होंने तुरंत सिमरोल पुलिस को सूचना दी, जिसके बाद पुलिस-प्रशासन ने राहत और बचाव कार्य शुरू किया।

रेस्क्यू ऑपरेशन और मृतकों की पहचान

तीन जेसीबी और एक पोकलेन की मदद से करीब तीन घंटे तक चले रेस्क्यू ऑपरेशन में सभी मजदूरों के शव मलबे से निकाले गए। मृतकों में दो सगे भाई और कॉन्ट्रेक्टर शामिल हैं:

  • पवन (35) पिता भंवरलाल पांचाल, बांसवाड़ा, राजस्थान (ठेकेदार)
  •  हरिओम (22) पिता रमेश मालवी, गांव उन्मोद, शाजापुर
  • अजय (20) पिता रमेश मालवी, गांव उन्मोद, शाजापुर
  •  गोपाल (45) पिता बाबू लाल प्रजापति, छोटा बांगड़दा, इंदौर
  •  राजा (22) पिता शेर सिंह, इंदौर

मृतकों के परिजनों को मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने 2-2 लाख रुपए की आर्थिक सहायता देने का ऐलान किया है।

फार्म हाउस की निर्माण स्थिति और प्रशासन की जांच

पटवारी प्रकाश सोनी के अनुसार, फार्म हाउस के मालिक ममता पति कन्हैया लाल और अनाया पति भरत डेमला हैं, जो इंदौर के निवासी हैं। प्रत्यक्षदर्शियों के मुताबिक, छत लोहे के एंगल पर डाली गई थी, जो उसका भार नहीं सह सकी। फार्म हाउस मालिक भरत एक एडवोकेट हैं और उनका परिवार भी वकीलों का है।

इंदौर कलेक्टर आशीष सिंह ने बताया कि फार्म हाउस में गुरुवार को ही स्लैब डाली गई थी, और मजदूर उसी के नीचे सो गए थे।

 

निर्माण में अनियमितताएं और प्रशासनिक कार्रवाई

चोरल के सरपंच अशोक सैनी ने कहा कि फार्म हाउस के निर्माण के लिए आवश्यक अनुमतियाँ नहीं ली गई थीं। यह निर्माण एक एडवोकेट द्वारा कराया जा रहा था, जिन्होंने यह जमीन सुंदरलाल यादव से खरीदी थी। फार्म हाउस के लिए राजस्व विभाग से कोई अनुमति नहीं ली गई थी, और यह निर्माण मापदंडों के विपरीत हुआ था। महू एसडीएम चरणजीत सिंह हुड्डा ने बताया कि अब सभी अनुमतियाँ रद्द कर दी गई हैं और प्रशासन ने इस निर्माण को ध्वस्त करने का आदेश दिया है।

इस घटना ने एक बार फिर से निर्माण कार्यों में सुरक्षा मानकों की अनदेखी और मजदूरों की जान की सुरक्षा पर सवाल खड़े कर दिए हैं। स्थानीय प्रशासन की अनदेखी के कारण कई बार ऐसे हादसे होते हैं, जहां मजदूरों को उचित और सुरक्षित स्थान नहीं मिलता।



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