इंदौर। भारतीय प्रबंधन संस्थान यानी आईआईएम, इंदौर अब मध्यप्रदेश सरकार की उद्योग नीति की समीक्षा करेगा और इज ऑफ डूइंग बिजनेस की दिशा में आगे बढ़ने और ब्रांड मध्यप्रदेश को स्थापित करने के लिए अपनी विशेषज्ञ सलाह देगा।
आईआईएम की सलाह और सुझावों के आधार पर मध्यप्रदेश सरकार भी उद्योग नीति में न केवल आवश्यक परिवर्तन करेगी बल्कि नई नीति के निर्माण में संस्थान के मैनेजमेंट विशेषज्ञों की मदद भी लेगी।
इसके लिए आईआईएम इंदौर और मध्यप्रदेश औद्योगिक विकास निगम यानी एमपीआईडीसी ने शुक्रवार को एक एमओयू पर साइन किए और अगले तीन साल के लिए इस आपसी सहयोग को सुनिश्चित किया।
22 जनवरी, शुक्रवार की दोपहर में आईआईएम परिसर में आपसी सहयोग के करार को मूर्त रूप देते हुए एमओयू पर आईआईएम निदेशक प्रोफेसर हिमांशु राय और शासन की ओर से एमपीआईडीसी के अध्यक्ष व प्रमुख सचिव, उद्योग नीति और निवेश प्रोत्साहन विभाग संजय कुमार शुक्ला ने हस्ताक्षर किए।
इसके साथ ही प्रदेश में होने वाली ग्लोबल इनवेस्टर्स समिट जैसे निवेश सम्मेलनों के आयोजन के लिए भी आईआईएम सुझाव देगा और दिशा तय करेगा। इतना ही नहीं करार में यह भी उल्लेख है कि सोशल मीडिया विश्लेषण की मदद से प्रदेश सरकार के उद्योग से जुड़े विभिन्न वेब-पोर्टल्स वास्तव में उपयोगकर्ता के लिए कितने कारगर व प्रभावी हैं, यह भी रिपोर्ट देगा।
तीन साल तक लागू रहने वाले इस एमओयू के तहत आईआईएम एमपीआईडीसी के वरिष्ठ अधिकारियों और कर्मियों के लिए प्रशिक्षण सत्र भी आयोजित करेगा।