MP: सरकार का सुरा प्रेमियों को तोहफा, प्रदेश में आज से 20 फीसदी कम मूल्य पर मिलेगी शराब


नई शराब नीति के लागू होते ही प्रदेश में अंग्रेजी व देशी शराब सस्ती हो जाएगी। इसके साथ ही घर पर शराब रखने की लिमिट भी बढ़ गई है।


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इन्दौर Published On :
liquor shop

इंदौर। एक अप्रैल से भले ही दूध-तेल-गैस के दाम बढ़ रहे हों लेकिन शराब पीने वालों को मध्यप्रदेश की शिवराज सरकार ने तोहफा दिया है।

एक अप्रैल (शुक्रवार) से नई शराब नीति लागू हो रही है जिसके मुताबिक प्रदेश में अब देसी और विदेशी शराब एमआरपी यानी अधिकतम खुदरा मूल्य से 20 फीसदी कम मूल्य पर मिलेगी।

देसी शराब बनने से लेकर ग्राहक तक पहुंचने के बीच कमाई का जो मार्जिन था, उसे भी सरकार ने घटा दिया है। अब देसी का 180 मिली का पौवा 110 से घटकर 85 रुपये में मिलेगा। वहीं विदेशी का पौवा जो 200 रुपये का मिलता था वह अब 160 रुपये का मिलेगा। प्रदेश में अभी अंगूर से शराब बनती है। जल्द ही जामुन से भी बनाने की तैयारी चल रही है।

नया वित्त वर्ष 2022-23 शुरू होते ही कई नियम बदल गए हैं। राज्य सरकारें आम तौर पर हर वित्त वर्ष में आबकारी नीति में बदलाव करती है। मध्य प्रदेश के लोगों के लिए इस बार आबकारी नीति में कई बड़े शुक्रवार से हो गए हैं।

नई नीति के लागू होते ही प्रदेश में अंग्रेजी व देशी शराब सस्ती हो जाएगी। इसके साथ ही घर पर शराब रखने की लिमिट भी बढ़ गई है। एक अप्रैल से ठेके बदलने थे इसलिए 30 और 31 मार्च को शराब के दाम और कम हो गए। दुकानों पर सुरा प्रेमियों की भीड़ लगी थी।

शराब ठेकेदार भी ज्यादा-ज्यादा माल निकाल रहे थे, क्योंकि वह भी जानते हैं कि रात को उनको यहां से जगह खाली करनी है और फिर वह शराब नहीं बेच पाएंगे। उसके बाद एक अप्रैल से नए स्टॉक के साथ शराब व्यवसाय शुरू होगा।

राज्य में देसी शराब की 2544 और अंग्रेजी शराब की 1061 दुकानें हैं। नई नीति में एक बड़ा बदलाव यह किया गया है कि देसी और अंग्रेजी शराब के लिए अलग दुकानें तो होंगी, लेकिन कुछ नियम व शर्तें पूरी करने पर एक ही दुकान से देशी व विदेशी शराब की बिक्री कर सकते हैं।

इस वित्तीय वर्ष में आबकारी विभाग ने इंदौर जिले में 64 समूहों में बंटी 175 देशी-विदेशी शराब दुकानों के लिए 1350 करोड़ का मूल्य तय किया था।

विभाग इस लक्ष्य के नजदीक है, लेकिन फिर भी अधिकांश ठेकेदार शराब की दुकान लेने के पक्ष में नहीं दिख रहे हैं। अब तक 995 करोड़ रुपये मूल्य की दुकानें नीलाम हो चुकी हैं।


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