स्वास्थ्य शिविर में उपचार कराने कम विकलांग व हेल्थ कार्ड बनवाने वालों की संख्या ज्यादा


जिले का तीसरा निःशुल्क स्वास्थ्य शिविर का आयोजन गुरूवार को धार नाका में किया गया। इसके लिए आसपास के ग्रामीण क्षेत्रों से नागरिकों को वाहनों से लाया व ले जाया गया।


अरूण सोलंकी
इन्दौर Published On :
mhow medical camp

महू। जिले में तीसरा विकास खंडस्तरीय स्वास्थ्य शिविर का आयोजन धार नाका के हाई स्कूल में किया गया जिसमें बड़ी संख्या में नागरिक पहुंचे। हालांकि, उपचार कराने वालों की संख्या कम रही और यहां हेल्थ आईडी व विकलांगता कार्ड बनवाने वालों की संख्या ज्यादा रही।

विकलांग रोगियों को उनके परिचित व्हील चेयर के अभाव में स्वयं गोदी में लेकर स्टॉल तक ले जाते दिखे। वहीं पीने की पानी की भी उचित व्यवस्था नहीं होने से परेशानी दिखी।

जिले का तीसरा निःशुल्क स्वास्थ्य शिविर का आयोजन गुरूवार को धार नाका में किया गया। इसके लिए आसपास के ग्रामीण क्षेत्रों से नागरिकों को वाहनों से लाया व ले जाया गया।

जिले के अनेक चिकित्सकों, नर्सों, आशा कार्यकर्ताओं तथा आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं की टीम को इसकी सफलता के लिए लगाया गया। शिविर का शुभारंभ मंत्री उषा ठाकुर, महू एसडीएम अक्षत जैन, जिला स्वास्थ्य अधिकारी सेतिया, ब्लॉक स्वास्थ्य अधिकारी फेजल अली, राम किशोर शुक्ला आदि ने किया।

इस शिविर में करीब पांच हजार नागरिकों के स्वास्थ्य का परीक्षण करने तथा दवा देने का लक्ष्य रखा गया था, लेकिन सुबह नौ से शाम चार बजे तक चले इस शिविर में 1545 लोगों का पंजीयन किया गया।

शिविर में स्वास्थ्य की जांच कराने वालों की संख्या कम रही जबकि हेल्थ आईडी व विकलांग प्रमाण-पत्र बनवाने वालों की संख्या काफी अधिक थी।

स्वास्थ्य विभाग ने शिविर में सभी चिकित्सा सुविधा के अलावा अनेक तरह की जांच, जो बाजार में काफी महंगी होती है, को यहां निःशुल्क करने की व्यवस्था की थी, लेकिन उसका पूरा लाभ नागरिकों ने नहीं लिया।

जानकारी के अनुसार शिविर में 105 विकलांग प्रमाण-पत्र, 65 आयुष्मान कार्ड, 321 हेल्थ आईडी बनाए गए जबकि 8 लोगों ने रक्तदान किया। 7 रोगियों को मोतियाबिंद के ऑपरेशन के लिए चयनित किया गया जबकि 24 मानसिक रोगियों का उपचार व 101 का आयुर्वेदिक उपचार किया गया। सबसे कम दांत के रोगी मात्र 12 ही आए।

शिविर में विकलांग रोगियों व उनके परिजनों को काफी परेशानी उठानी पड़ी। इनके लिए व्हील चेयर की व्यवस्था नहीं होने से परिजन गोदी में लेकर स्टॉल तक ले गए।

पीने के पानी के लिए भी पर्याप्त व्यवस्था नहीं होने से दूर-दूर से आए नागरिकों को परेशानी उठानी पड़ी। यहां सेवा देने वाले चिकित्सकों व स्टाफ के लिए भोजन के जो पैकेट दिए गए उसको लेकर भी नाराजगी रही।


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