इंदौर। भले इंदौर में भूमाफियाओ पर शिकंजा कसने के लिए मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान का इशारा ही काफी हो, लेकिन बुधवार को सामने आए एक शिकायकर्ता ने उन प्रशासनिक विभागों पर सवाल खड़े कर दिए हैं जो सीएम के इशारों पर अमल करते हैं।
इंदौर के पालीवाल नगर से लगी एक जमीन के मालिकाना हक के लिए 40 वर्षों से एक बुजुर्ग डॉक्टर कानूनी लड़ाई लड़ रहे हैं लेकिन कोर्ट में चल रहे मामले के बावजूद टाउन एंड कंट्री प्लानिंग विभाग द्वारा जमीन पर कब्जा करने वालों को परमिशन दे दी गई है।
बुधवार को बुजुर्ग डीआईजी की शरण मे पहुंचे थे, लेकिन डीआईजी की व्यस्तता के चलते बुजुर्ग अपनी शिकायत नहीं कर सके। हालांकि, बुजुर्ग डॉक्टर ने मीडिया के सामने अपनी पीड़ा जाहिर की।
बुजुर्ग शख्स का नाम डॉ. लीलाधर पालीवाल बताया जा रहा है और उनका आरोप है कि इंदौर के पालीवाल नगर से लगी उनके स्वामित्व की जमीन भूमाफियाओं ने फर्जी रजिस्ट्री कराकर अपने नाम कराकर उनकी जमीन पर कब्जा करना चाह रहे हैं।
बुजुर्ग ने आरोप लगाया है कि उनकी जमीन पर कॉलोनी काटना शुरू कर दी है और टाउन एंड कंट्री प्लानिंग विभाग ने कानून के विरुद्ध जाकर उन्हें परमिशन दे दी जबकि विवादित जमीन पर परमिशन नहीं दी जाती है और पूरा मामला कोर्ट में चल रहा है।
बुजुर्ग का आरोप है कि पूरा मामला डिस्ट्रिक्ट कोर्ट और रेवेन्यू बोर्ड में होने के बावजूद 2007-2008 में तहसीलदार ने उनके नंबर पर भूमाफिया का नंबर चढ़ा दिया। इसको लेकर उन्होंने तहसीलदार से भी शिकायत की, लेकिन अब तक सुनवाई नहीं हुई।
बुजुर्ग ने बताया कि उनकी जमीन पर भूमाफिया हरीश बजाज और ओमप्रकाश पालीवाल ने कब्जा किया है। इस मामले को लेकर बुजुर्ग सीएम शिवराज से भी मिले थे तो उन्होंने डीआईजी से मिलने को कहा था।
बुजुर्ग ने बताया कि आज की स्थिति में उनकी जमीन की कीमत 100 करोड़ रुपये से भी ऊपर है, लेकिन भूमाफियाओं ने उस पर कब्जा करने के लिये हर तरह के षड़यंत्र कर रहे हैं।
फिलहाल, इस मामले में बुजुर्ग डॉक्टर की शिकायत पर पुलिस क्या कार्रवाई करती है ये अभी भी सवाल है।