इंदौर। विवादित कृषि कानूनों और बिजली बिल 2020 के खिलाफ इंदौर में भी लगातार किसान संगठन और श्रम संगठन एकजुटता के साथ जन जागरूकता अभियान चला रहे हैं । इसके लिये अब गांव-गांव और मोहल्लों में जाकर प्रदर्शन की योजना भी बनाई जा रही है।
मालवा-निमाड़ की किसान संघर्ष समिति के संयोजक रामेश्वर मंत्री ने बताया कि 15 जनवरी से शुरू किए गए इस जन जागरण अभियान के तहत गांव-गांव और मोहल्ला बस्तियों में जाकर लोगों को इन कानूनों से होने वाले नुकसान के बारे में जानकारी दी जा रही है तथा उनसे अपील की जा रही है कि वे एकजुटता के साथ सरकार द्वारा पूंजीपतियों के पक्ष में लाए गए इन कानूनों के खिलाफ आवाज बुलंद करें और पिछले डेढ़ माह से ज्यादा से चल रहे दिल्ली के किसान आंदोलन का समर्थन करें।
18 जनवरी, सोमवार को ग्राम दूधिया 19 जनवरी को ग्राम कनाडिया तथा 20 जनवरी को मुसाखेड़ी और आसपास के गांव में जन जागरण अभियान और चौपाल सभा आयोजित की जाएगी ।
मंत्री ने बताया कि इस अभियान में किसान संघर्ष समिति, किसान खेत मजदूर संगठन ,अखिल भारतीय किसान सभा, एटक, और सीटू द्वारा चलाए जा रहे संयुक्त अभियान के तहत विभिन्न गांव में चौपाल सभाओं और नुक्कड़ सभाओं का आयोजन किया गया तथा विभिन्न वक्ताओं ने इन कानून से होने वाले नुकसान की जानकारी दी।
ये संगठन इंदौर में 21, 23 एवं 26 जनवरी को प्रदर्शन की तैयारी की जा रही है और इसमें ज्यादा से ज्यादा संख्या में ग्रामीणों को जोड़ने की योजना बनाई जा रही है। बिजलपुर ,क्षेत्र क्रमांक 2 की श्रमिक बस्तियां नेहरू नगर ,रुस्तम का बगीचा लाला का बगीचा मालवा मिल तथा क्षेत्र क्रमांक 1 के कुशवाहा नगर, भगत सिंह नगर, बाणगंगा इलाके में विभिन्न नुक्कड़ सभाएं आयोजित की गई हैं। इन सभाओं में रामस्वरूप मंत्री, कैलाश लिंबोदिया, प्रमोद नामदेव ,भागीरथ कछवाय, राजेश यादव ,छेदी लाल यादव,सोनू शर्मा सहित कई वक्ताओं ने संबोधित किया।
इन वक्ताओं ने कहा कि तीनों कृषि कानून की वापसी और एमएसपी की गारंटी से कम कोई बात स्वीकार नहीं है और जब तक यह मांगे सरकार पूरी नहीं करती तब तक किसान आंदोलन चलता रहेगा। इस जन जागरण अभियान में अजीत पवार,अर्शी खान, मोहम्मद अली सिद्दीकी , भरत सिंह यादव, अवधेश यादव, सुषमा यादव ,माता प्रसाद मौर्य सहित कई कार्यकर्ता मौजूद रहे।