– साढ़े पांच करोड़ से अधिक की जमीन हुई अवैध कब्जा मुक्त।
– श्रीराम धर्मशाला परिसर से 10 और पोस्ट ऑफिस की पांच दुकानों पर चला बुलडोजर।
खरगोन। शहर के बस स्टैंड क्षेत्र स्थित श्रीराम धर्मशाला परिसर और पोस्ट ऑफिस चौराहे पर ट्रस्ट के नाम पर किए गए अवैध दुकान निर्माणों पर आखिरकार सोमवार को प्रशासनिक कार्रवाई की गाज गिरी। यहां बनी भोजनालय, चाय-नाश्ता, थोक किराना की संचालित हो रही करीब 10 दुकानों पर प्रशासन की जेसीबी चली।
प्रशासन ने कार्रवाई में करीब साढ़े पांच करोड़ रुपये से अधिक की जमीन अवैध कब्जा मुक्त कराई है। संभवतया यह शहर में अब तक की सबसे बड़ी कार्रवाई मानी जा रही है। धर्मशाला परिसर से जहां श्रीराम धर्मशाला ट्रस्ट द्वारा नियमों को दरकिनार कर दुकानों का न केवल निर्माण किया गया, बल्कि मुंहमांगें दामों पर इनकी बिक्री भी की गई थी।
इसी तरह पोस्ट ऑफिस चौराहा क्षेत्र में भी पीडब्ल्यूडी की भूमि पर महाजन समाज ट्रस्ट ने प्याऊ के नाम पर जमीन ली और दुकानें बनाकर इन्हें कमाई का जरिया बना लिया था। इन दिनों ट्रस्टों की मनमानी उन दुकानदारों को भारी पड़ गई है जो इन्हें रुपये देकर रोजगार चला रहे थे।
कार्रवाई के दौरान दुकान मालिक गिड़गिड़ाते रहे, लेकिन प्रशासन के सामने एक न चली। एसडीएम के मुताबिक, धर्मशाला परिसर से जहां तीन करोड़ 95 लाख रुपये वहीं पोस्ट ऑफिस चौराहे से एक करोड़ 88 लाख रुपये की शासकीय जमीन अवैध कब्जा मुक्त कराई गई।
सोमवार दोपहर तीन बजे बाद आनन-फानन में कार्रवाई शुरू की गई। आला अफसरों सहित नपा की तीन जेसीबी, फायर फायटर, सफाई अमला, सैंकड़ों की सख्ंया में पुलिसकर्मी चंद मिनटों में पोस्ट ऑफिस चौराहे पहुंच गए और इलाके में आवाजाही के रास्ते बंद कर दिए गए।
एसडीएम सत्येंद्र सिंह, एएसपी नीरज चौरसिया, नपा सीएमओ प्रियंका पटेल के निर्देश मिलते ही जेसीबी का पंजा यहां बनी इलेक्ट्रिक, चाय नाश्ता दुकानों पर चल पड़े। महज एक घंटे में दुकानें ध्वस्त हो गईं। इसके बाद अमले ने बस स्टैंड स्थित धर्मशाला का रुख किया।
सामान हटाने की मांगते रहे मोहलत –
बार-बार मिल रहे नोटिस को नजरअंदाज करना दुकान मालिकों को भारी पड़ा। अमले के पहुंचते ही दुकानदार सकते में आ गए, सामान हटाने की मोहलत मांगते रहे, लेकिन प्रशासन अपने सख्त रूख पर अड़ा रहा। नतीजतन दुकानदार जितना सामान समेट सकते थे, समेटा। इसके बाद प्रशासन ने बिना समय गंवाये दुकानें तोड़ना शुरू कर दी। ऊँ शिवम होटल के देवेंद्र ने कहा कि प्रशासन सख्ती बरत रहा है, जबकि उन्होंने ट्रस्ट से दुकान खरीदी है। ट्रस्ट भी कोई सुनवाई नहीं कर रहा। हम व्यापारी वर्ग कहां जाएं।
नोटिसों को किया जा रहा था अनसुना –
एसडीएम ने बताया शहर में बस स्टैंड व टेगौर पार्क स्थित श्रीराम धर्मशाला के लिए 1945 व 1955 में दो जमीनें आवास के लिए लीज पर ली गई थी। इसमें अनुबंध व नियमों का पालन नहीं किया गया। ट्रस्ट अध्यक्ष को नगर पालिका ने लीज सहित अन्य नियमों के उल्लंघन का नोटिस दिया था। नपा सीएमओ प्रियंका पटेल ने बताया कि बस स्टैंड व टेगौर पार्क की ब्लॉक नंबर 19 में 7650 वर्गफीट जमीन 3 सितंबर 1945 को आवास के लिए लीज पर दी गई थी। यहां बिना अनुमति व्यवसायिक दुकान निर्माण कर उल्लंघन किया। अवैध निर्माण में भूखंड के सामने 15 फीट आजू-बाजू 10-10 फीट की जमीन छोड़ी नहीं है। लीज निरस्त कर आधिपत्य के अधिकार नपा के पास सुरक्षित हैं। श्रीराम धर्मशाला अध्यक्ष को छह बार नोटिस दिया गया है।
नाले पर निर्माण, शिकायत के बाद कार्रवाई –
नोटिस में बताया धर्मशाला अध्यक्ष ने ब्लाक 19, 14, 15 के बीच सरकारी नाले पर अतिक्रमण कर निर्माण किया है। लीज शर्तों का उल्लंघन सहित बिना अनुमति निर्माण, अन्य नियमों व अनुबंध का उल्लंघन है। कई नोटिस देकर धर्मशाला अध्यक्ष को पर्याप्त अवसर दिया था, लेकिन अवैध निर्माण नहीं हटाया गया, जिस पर प्रशासन ने कार्रवाई की। हटाने का व्यय संबंधित से वसूला जाएगा।
प्याऊ तोड़कर बनाई थी दुकानें –
पोस्ट ऑफिस चौराहे पर पीडब्ल्यूडी की जमीन पर कच्चा प्याऊ तोड़कर पांच दुकानें बनाकर किराये पर देने वाले महाजन ट्रस्ट पर सबसे पहले कार्रवाई की गाज गिरी। यहां तहसीलदार ने दुकानदारों को स्वयं सामान हटाने का निर्देश दिया था, लेकिन दुकानें खाली नहीं की गईं, जिस पर प्रशासन ने जेसीबी की मदद से अतिक्रमण हटाया।
तहसीलदार आरसी खतेड़िया ने बताया कि दो साल पहले पोस्ट ऑफिस चौराहे क्षेत्र के मनोहर राठौर ने महाजन ट्रस्ट की शिकायत तत्कालीन एसडीएम से की गई थी। इसमें पीडब्ल्यूडी की जमीन पर कच्चा प्याऊ हटाकर दुकानें बनाकर किराये से दी गई हैं। जांच में खुलासा हुआ कि 1951 में पीडब्ल्यूडी की जमीन पर कच्चा प्याऊ लगाने के लिए एक व्यक्ति को जमीन दी गई थी। इसमें शर्त भी रखी कि यदि भविष्य में पीडब्ल्यूडी या प्रशासन चाहे तो खुद के खर्च पर प्याऊ हटाकर जमीन खाली करना पड़ेगा। इसके बाद 1976-77 में महाजन ट्रस्ट का निर्माण हुआ। ट्रस्ट ने दुकानें बनाई और किराये पर दे दी। हाईकोर्ट में बयानों व एसडीएम कोर्ट के फैसले के आधार पर कहा कि तहसीलदार बिना एसडीएम के प्रभाव में आकर जांच करें। यदि अतिक्रमण निकला तो हटाया जाए।
जांच के बाद बयान हुए –
जांच में सामने आया कि भूमि नंबर 244 रकबा 1.343 की भूमि में से 13.50 बाय 6.50 मीटर पर पांच दुकानों का निर्माण है। इसमें होटलए इलेक्ट्रिक दुकान, चाय दुकान बनाकर अतिक्रमण किया है। तहसीलदार ने पटवारी, आरआई सहित अन्य लोगों के बयान लिए। इसके बाद जमीन पर अतिक्रमण पाया गया। ट्रस्ट ने तर्क दिया कि हमारी ट्रस्ट की जमीन है। इसके जवाब में तहसीलदार ने कहा कि करीब 26 साल के बाद ट्रस्ट बनाया है। यह ट्रस्ट सरकारी जमीन पर लागू नहीं होता है। इसके लिए निजी जमीन होना चाहिए। ट्रस्ट ने अतिक्रमण किया है। इसे हटाया जाए। इसके बाद 30 जनवरी को ट्रस्ट अध्यक्ष संतोष पिता बाबूलाल महाजन को नोटिस दिया। इसमें दो दिन में अतिक्रमण हटाने को कहा है।
शासन के निर्देश पर की कार्रवाई –
शासन के निर्देश पर भूमाफिया, अतिक्रमण एवं अवैध कब्जा हटाने की कार्रवाई निरंतर जारी है। इसी के तहत श्रीराम धर्मशाला में ट्रस्ट के नाम से किए गए अवैध कब्जे की दुकानें हटाकर तीन करोड़ 95 लाख रुपये की जमीन अवैध कब्जा मुक्त कराई है, इसी तरह पोस्ट ऑफिस चौराहे पर भी ट्रस्ट के नाम पर पांच दुकानें अवैध तरीके से बनाई गई थी, जिन्हें भी जेसीबी की मदद से हटाकर यहां एक करोड़ 88 लाख रुपये की जमीन अवैध कब्जा मुक्त कराई है, कार्रवाई आगे भी जारी रहेगी।
– सत्येंद्र सिंह, एसडीएम, खरगोन