खरगोन। सहकारी समितियों के कर्मचारियों ने एक बार फिर शासकीय कर्मचारियों की तर्ज पर मिलने वाली सुविधाओं सहित अपनी लंबित मांगों को लेकर एकजुटता दिखाई है।
बुधवार को कलेक्ट्रेट पहुंचे कर्मचारियों ने मप्र सहकारिता समिति कर्मचारी महासंघ के बैनर तले मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन सौंपकर चेतावनी दी है कि यदि उनकी जायज मांगों को नहीं माना गया तो आगामी दिनों में उग्र आंदोलन होगा।
इसकी रणनीति बनाई जा चुकी है, आंदोलन के तहत गुरुवार से सहकारी समिति एवं उचित मूल्य की दुकानें अनिश्चतकालीन के लिए बंद कर धरना दिया जाएगा। इसके अलावा अन्य प्रदर्शन शामिल हैं।
महासंघ के किशोर रघुवंशी ने बताया कि सहकारी समितियों के प्रभारी प्रबंधक, सहायक प्रबंधक, विक्रेताओं, लेखापाल, कंप्यूटर ऑपरेटर, भृत्य, चौकीदार लंबे समय से शासकीय कर्मचारी घोषित किए जाने की मांग कर रहे हैं, जिस पर सरकार महज आश्वासन के अलावा कोई ठोस निर्णय नहीं ले पा रही है।
नतीजतन सहकारिता के क्षेत्र में काम कर रहे कर्मचारी शोषण का शिकार हो रहे है। उनकी मांग है कि उन्हें भी शासकीय कर्मचारी का दर्जा दिया जाकर वेतन, भत्ते, बीमा सहित अन्य सुविधाएं मिले।
इसके अलावा सार्वजनिक वितरण प्रणाली में किए गए राशन कटौत्रे का आवंटन तुरंत जारी किया जाए और कर्मचारियों पर बनाए गए प्रकरण वापस हों। ज्ञापन में पीडीएस का लंबित कमीशन भी जल्द जारी करने की मांग की गई है।
ऐसे चलेगा आंदोलन –
रघुवंशी ने बताया मांगें नहीं मानने पर 4 फरवरी से अनिश्चितकालीन धरना, 18 फरवरी को मुख्यमंत्री निवास का घेराव कर सीएम का इस्तीफा मांगा जाएगा, 19 फरवरी को भोपाल में ही रोशनपुरा चौराहे पर चक्काजाम एवं इच्छामृत्यु की मांग की जाएगी।