जिला मुख्यालय से 15 किलोमीटर दूर ग्राम उमरखली में शनिवार दोपहर गोगांवा ब्लॉक मेडिकल ऑफिसर (बीएमओ) मीनाक्षी चौहान ने टीम के साथ दबिश देकर बंगाली डॉक्टर निखिल विश्वास के क्लीनिक को सील कर दिया। आरोप है कि डॉक्टर बिना एलोपैथिक डिग्री के मरीजों का इलाज कर रहे थे। टीम ने क्लीनिक से एलोपैथिक दवाइयां, इंजेक्शन और अन्य मेडिकल उपकरण जब्त किए। डॉक्टर ने इस कार्रवाई को द्वेषपूर्ण बताते हुए कहा कि पूरे जिले में कई ऐसे डॉक्टर हैं, जो अन्य पद्धतियों की डिग्री होने के बावजूद एलोपैथिक प्रैक्टिस कर रहे हैं।
शिकायत के बाद हुई कार्रवाई
नायब तहसीलदार रामकृष्ण अहिरवार ने बताया कि डॉक्टर निखिल विश्वास के खिलाफ शिकायत मिली थी कि वे बिना एलोपैथी की अधिकृत डिग्री के मरीजों का इलाज कर रहे हैं और इंजेक्शन व बॉटल भी लगा रहे हैं। शिकायत पर गोगांवा बीएमओ ने टीम के साथ मौके पर जाकर जांच की।
बीएमओ मीनाक्षी चौहान ने कहा, “जांच के दौरान डॉक्टर के क्लीनिक में एलोपैथिक दवाइयां और इंजेक्शन पाए गए। मेडिकल उपकरण ठीक से स्टरलाइज नहीं थे। इन दवाइयों और उपकरणों को जब्त कर क्लीनिक को सील कर दिया गया है। कार्रवाई में हमारी टीम के साथ बरूड थाना टीआई लक्ष्मण लौवंशी और अन्य अधिकारी मौजूद थे।”
डॉक्टर का पक्ष: कार्रवाई द्वेषपूर्ण
डॉक्टर निखिल विश्वास ने कहा कि उनके खिलाफ शिकायत द्वेषपूर्ण भाव से की गई है। उन्होंने बताया, “गांव और जिले भर में ऐसे कई डॉक्टर हैं, जिनके पास होम्योपैथी या आयुर्वेद की डिग्री है, लेकिन वे एलोपैथी पद्धति से इलाज कर रहे हैं। मेरे खिलाफ की गई यह कार्रवाई अनुचित है।” हालांकि कार्रवाई के दौरान डॉक्टर निखिल विश्वास ने टीम का सहयोग तो किया और डॉक्टर ने सील करने के लिए उपयोग किए गए कपड़े की सिलाई खुद की और जब्त दवाइयों के बॉक्स गाड़ी में रखने में भी मदद की। बीएमओ की टीम द्वारा कार्रवाई की खबर फैलते ही गांव और आसपास के अन्य डॉक्टरों ने अपने क्लीनिक बंद कर दिए और मौके से रफूचक्कर हो गए। टीम ने बताया कि आगे भी ऐसी शिकायतें मिलने पर कार्रवाई जारी रहेगी। इस मामले ने जिले में एलोपैथिक प्रैक्टिस करने वाले अन्य डॉक्टरों पर भी सवाल खड़े कर दिए हैं। प्रशासन का कहना है कि आगे आने वाली शिकायतों के आधार पर अन्य डॉक्टरों पर भी कार्रवाई की जाएगी।