इंदौर। राष्ट्रपिता महात्मा गांधी पर आपत्तीजनक टिप्पणी करने के मामले में फंसे कालीचरण महाराज रायपुर की जेल से छूटने के बाद मंगलवार शाम इंदौर पहुंचे।
94 दिनों बाद वे रायपुर स्थित जेल से शाम 7.30 बजे रिहा हुए। जेल के बाहर भारी संख्या में उनके समर्थक उपस्थित थे। वहां से वे मंगलवार रात करीब 8.30 बजे विमान द्वारा इंदौर आए। इंदौर विमानतल पर उनके समर्थकों ने उनका स्वागत किया।
इंदौर पहुंचने के बाद उन्होंने कहा कि मैं काली माता का भक्त हूं और काली माता का ही कार्यकर्ता रहूंगा। महात्मा गांधी पर की गई टिप्पणी के बारे में उन्होंने कहा कि मुझे अपने द्वारा कहे गए शब्दों पर कोई पछतावा नहीं है। इस देश में कलयुग में सच बोलना ही सजा है।
विमानतल से निकलने के बाद कालीचरण ने विजय नगर स्थित काली मंदिर में भी पूजा की। गौरतलब है कि कालीचरण के खिलाफ रायपुर ही नहीं बल्कि अकोला, पुणे और ठाणे में भी केस दर्ज किए गए थे। रायपुर जेल से भी रिहाई के बाद उन्होंने वहां काली माता की पूजा की।
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— Kaliputra Kalicharan Maharaj (@omkaliputra) April 5, 2022
टिकरापारा इलाके में 25 व 26 दिसंबर को दो दिवसीय धर्म संसद आयोजित की गई थी। इस धर्म संसद में कालीचरण ने राष्ट्रपिता महात्मा गांधी पर आपत्तीजनक टिप्पणी की थी। इसके बाद कालीचरण पर टिकरापारा थाने में एफआईआर दर्ज करवाई गई थी।
एफआईआर दर्ज होने के बाद कालीचरण वहां से फरार हो गए थे जिन्हें रायपुर पुलिस ने 30 दिसंबर को खजुराहो से 25 किमी दूर बागेश्वर धाम से गिरफ्तार किया था।
कालीचरण महाराज को एक अप्रैल को ही हाईकोर्ट से जमानत मिल चुकी थी लेकिन दस्तावेजों के कारण रिहाई टल गई। गौरतलब है कि कालीचरण के खिलाफ रायपुर ही नहीं बल्कि अकोला, पुणे और ठाणे में भी केस दर्ज किए गए थे।
कालीचरण महाराज की गिरफ्तारी पर मध्यप्रदेश सरकार ने कड़ी आपत्ति जताई थी। गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा ने कहा कि छत्तीसगढ़ की कांग्रेस सरकार ने इंटर स्टेट प्रोटोकॉल को तोड़ा है।
छत्तीसगढ़ के सीएम भूपेश बघेल ने कहा कि नरोत्तम मिश्रा बताएं गांधीजी को गाली देने वाले से खुश हैं या दुखी। नियम के तहत कार्रवाई हुई है।