नौसेना के अत्याधुनिक युद्धपोत मोर्मूगाव की निर्माण टीम में शामिल रहे इंदौर के शिखर मुले  


अत्याधुनिक पोत के निर्माण के प्रारंभ से इंदौर के युवा नेवी ऑफिसर शिखर विनोद मूले जुड़े हुए हैं।


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इन्दौर Published On :

इंदौर। देश की नौसेना को विध्वंसक प्रक्षेपात्रो से लैस एक और नया युद्धपोत मोर्मूगाव मिलने जा रहा है। देश के रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने ‘विशाखापट्टनम श्रेणी’ के दूसरे विध्वंसक पोत ‘भारतीय नौसेना पोत मोर्मुगाव को कल 18 दिसंबर को देश की रक्षा में सौंपा है। इस अत्याधुनिक पोत के निर्माण के प्रारंभ से इंदौर के युवा नेवी ऑफिसर शिखर विनोद मूले जुड़े हुए हैं।

रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने युद्धपोत को देश की रक्षा में समर्पित किया

लोकमान्य नगर के निवासी शिखर ने अपनी स्कूल की पढ़ाई इंदौर से ही की है। 12वीं की परीक्षा के बाद तकनीकी प्रवेश परीक्षा पास कर वे सीधे नौसेना के शिक्षण संस्थान में प्रवेश पा गए।

शेखर सुले

नौसेना में उच्च अध्ययन कर नौसेना के बड़े युद्धपोतों पर प्रशिक्षु अधिकारी के पद पर रहे। अत्याधुनिक विनाशक मिसाइल प्रणाली से सुसज्जित यह युद्धपोत इस श्रेणी में निर्माण किये जाने वाले चार युद्धपोतों की शृंखला में दूसरा युद्धपोत है । इन युद्धपोतों के निर्माण का फैसला केंद्रीय मंत्री मण्डल द्वारा 2011 में लिया गया था। इसके निर्माण में पूरे 11 वर्ष का समय लगा है।

इस युद्धपोत की कमान अनुभवी नौसेना अफसरों को दी गई हैै।विशिष्ठ सेवा पदक से सम्मानित कॅप्टन कपिल भाटिया को इस युद्धपोत का कप्तान नियुक्त किया गया है।

इंदौर में पले-बढ़े लेफ्टिनेन्ट कमांडर शिखर मुले इस युद्धपोत की निर्माण प्रक्रिया से प्रारंभ से ही सक्रिय रूप से जुडे रहे हैं। वे इस युद्धपोत पर बतौर सहायक प्रक्षेपास्त्र अधिकरी नियुक्त किए गये हैं।

रविवार को इस युद्धपोत का नौसेना में कमीशन हुआ। इस अवसर पर नौसेना ने कहा कि जहाज परमाणु, जैविक और रासायनिक (एनबीसी) युद्ध स्थितियों के तहत लड़ने के लिए सुसज्जित है और इसमें एक आधुनिक निगरानी रडार भी है।

मोरमुगाओ से जुड़ीं कुछ ख़ास बातें…

  •  गोवा के ऐतिहासिक बंदरगाह शहर मोरमुगाओ के नाम पर इस युद्धपोत का नाम है। इस जहाज ने पिछले साल 19 दिसंबर को अपनी पहली समुद्री यात्रा थी यह वो दिन होता है जब गोवा को पुर्तगाली शासन से मुक्ति मिली थी। इस युद्धपोत  ने गोवा की आज़ादी के 60वें साल का यह जश्न मनाया था।
  • INS मोरमुगाओ चार ‘विशाखापत्तनम’ श्रेणी के विध्वंसक में से दूसरा है, जिसे स्वदेशी रूप से भारतीय नौसेना के युद्धपोत डिजाइन ब्यूरो द्वारा डिजाइन किया गया है और इसका निर्माण मझगांव डॉक शिपबिल्डर्स लिमिटेड द्वारा किया गया है।
  • 7,400 टन वजनी और 163 मीटर लंबाई और 17 मीटर चौड़ाई वाले इस  जहाज को भारत में निर्मित सबसे शक्तिशाली युद्धपोतों में से एक कहा जा रहा है। आईएनएस मोरमुगाओ के निर्माण में उपयोग किए जाने वाले 70% समान स्वदेशी हैं।
  • इस युद्धपोत पर 50 अधिकारी और 250 नाविक रह सकते हैं।
  • जहाज को चार शक्तिशाली गैस टर्बाइनों द्वारा चलाया जाता है और यह 30 समुद्री मील से अधिक की गति प्राप्त करने में सक्षम है।

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