नानगुरु हत्याकांडः सात साल बाद मिला इंसाफ, पांच को उम्रकैद


मामले की पैरवी के दौरान अभियोजन पक्ष ने आरोपियों के खिलाफ मजबूत दलीलें रखीं। उन्होंने कोर्ट को बताया कि आरोपियों ने संपत्ति विवाद में हत्या को अंजाम दिया है ऐसे में उन्हें कठोर से कठोर दंड दिया जाना चाहिए।  


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इन्दौर Updated On :

इंदौर। अपर जिला एवं सत्र न्यायालय ने छह साल पहले हुए इंदौर के चर्चित नानगुरु हत्याकांड का फैसला सुनाते हुए  सभी आरोपियों को  उम्रकैद की सज़ा सुनाई है। इसके साथ आरोपियों पर अर्थदंड भी लगाया गया है।

नानगुरु हत्याकांड के आरोपियों ने योजनाबद्ध तरीके से मिलकर अंजाम दिया था।  मामले में फैसला सुनाते हुए कोर्ट ने  पांच आरोपियों को आजीवन कारावास और पांच-पांच हजार रुपये के जुर्माने की सज़ा सुनाई है। इस मामले में एक आरोपी अर्जुन पुत्र बंसीलाल की केंद्रीय जेल इंदौर में  मौत हो चुकी है।

मामले की पैरवी के दौरान अभियोजन पक्ष ने आरोपियों के खिलाफ मजबूत दलीलें रखीं। उन्होंने कोर्ट को बताया कि आरोपियों ने संपत्ति विवाद में हत्या को अंजाम दिया है ऐसे में उन्हें कठोर से कठोर दंड दिया जाना चाहिए।

यह थी घटना…

यह घटना दिनांक4 जून 2014 की दोपहर करीब पौने दो बजे हुई थी। जब मृतक शिवप्रसाद उर्फ नानगुरु अवस्थी निवासी शंकरगंज इंदौर छोटा बांगडदा स्थित अपनी दुकान पर बैठे थे। उसी समय आरोपी उमेश पुत्र पन्नाालाल गडकर (51) निवासी मराठी मोहल्ला,  इमरान उर्फ लक्की (36) पुत्र इलियास खान निवासी भिश्ती मोहल्ला, विशाल पुत्र नारायण अग्निहोत्री (42) निवासी महावीर नगर छोटा बांगडदा, तेजकरण पुत्र मोहनलाल (43) निवासी गरीब नवाज कॉलोनी, मुकेश पुत्र बालूजी निवासी केदार नगर और अर्जुन त्यागी पुत्र बंशीलाल निवासी चंदन नगर इंदौर उनके पास पहुंचे और उनसे जमीन को लेकर विवाद करने लगे।

गोली मार दी…

आरोपितों ने नानगुरु से कहा कि वे अपनी जमीन उनके नाम कर दें नहीं तो वे उन्हें जान से मार देंगे। नानगुरु ने आरोपियों से कहा कि यह उनकी पुश्तैनी जमीन है और वे इसे किसी के नाम नहीं कर सकते। इस पर आरोपियों ने उनसे छीनाछपटी शुरू कर दी और विवाद बढ़ गया।  इसी बीच आरोपित उमेश और लक्की ने नानगुरु के हाथ पकड लिए और आरोपित अर्जुन ने देशी कट्टे से नानगुरु को गोली मार दी। नानगुरु को गंभीर हालत में उपचार के लिए एमवायएच इंदौर ले जाया गया जहां डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया।

 


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