घरेलू हिंसा से पीड़ित महिलाओं के लिए इंदौर का पहला वन स्टॉप सेंटर, सात दिनों तक रहने की व्यवस्था, काउंसलिंग और पुलिस सुविधा भी


ग्रामीण क्षेत्र में पहला वन स्टॉप सेंटर, महिलाओं को मिलेगी हर तरह की मदद


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इन्दौर Published On :

इंदौर। जिले के ग्रामीण इलाकों में पहला वन स्टॉप सेंटर खुलने जा रहा है। इसके लिए महू तहसील को चुना गया है। अपने नाम की ही तरह वन स्टाप सेंटर महिलाओं की समस्याओं को सुलझाने के लिए एक केंद्र होगा यहां घरेलू हिंसा से पीड़ित महिलाओं के लिए ठहरने और खाने के साथ सुरक्षा की व्यवस्था भी होगी। वहीं अब महिलाओं को थाने नहीं जाना होगा अगर महिलाएं यहां आती हैं तो उन्हें यहां इलाज, काउंसलिंग, कानूनी सलाह और फिर पुलिस सुविधा भी मिलेगी। यह सेंटर तहसील के सबसे बड़े अस्पताल में बनाया जा रहा है।  इसके लिए स्थानीय प्रशासन सभी सुविधाएं जुटा रहा है।

महू के मध्य भारत अस्पताल में घरेलू हिंसा से पीड़ित महिलाओं के लिए वन स्टॉप सेंटर बनाया जा रहा है यह सेंटर राज्य शासन के आदेशानुसार इंदौर जिले में महू में बना रहा है। इस सेंटर में घरेलू हिंसा से पीड़ित महिलाओं को 7 दिन तक रखा जाएगा तथा 24 घंटे स्वास्थ सेवा देने के लिए डॉक्टर तथा सुरक्षा देने के लिए पुलिसकर्मी तैनात रहेंगे।

सेंटर में रहने के दौरान इन 7 दिनों में घरेलू हिंसा से पीड़ित इन महिलाओं की समस्याएं सुनी जाएंगी तथा संबंधित दूसरे पक्ष को बुलाकर समझाइस दी जाएगी और अगर इसके बाद भी बात नहीं बनती है वह समस्या का निराकरण नहीं होता है तो इन महिलाओं के प्रकरण बनाकर सीधे न्यायालय में प्रस्तुत किए जाएंगे।

अब तक घरेलू हिंसा से पीड़ित महिलाएं अपनी परेशानी व शिकायत लेकर महू थाने जाती थी लेकिन अब वन स्टॉप सेंटर पर ही यह व्यवस्था की जा रही है। जिला प्रशासन से मिले आदेशानुसार इसकी तैयारियां महू तहसील के अस्पताल में शुरू कर दी गई हैं।

 

महिला एवं बाल विकास परियोजना अधिकारी रेखा शर्मा, तहसीलदार अभिषेक शर्मा ने इस सेंटर के लिए पिछले दिनों महू से अस्पताल का दौरा किया तथा यहां पर आवश्यक व्यवस्थाएं आदेश दिए जुटाने के लिए आदेश दिए।

परियोजना अधिकारी रेखा शर्मा ने बताया कि इस सेंटर पर पीड़ित महिला को 7 दिन तक रखने के लिए इंतजाम होगा। इसके बाद काउंसलिंग से मामले को हल करने की कोशिश की जाएगी। ऐसे में अगर बातचीत के दौरान मामला हल हो जाता है तो ठीक है वर्ना पुलिस कार्रवाई होगी। वहीं मामला हल होने के बाद भी विभाग महिला पर नज़र रखेगा और उनकी जानकारी जुटाएगा। इस तरह तय होगा कि वन स्टॉप सेंटर का पूरा लाभ महिलाओं को मिल सके।

 


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