इंदौर। असामाजिक तत्वों के घर और इमारतें तोड़ने और जमीनों से उनके कब्जे खाली करवाने के अलावा मध्यप्रदेश सरकार इन दिनों एक नए अभियान में लग गई है। यह अभियान है नशा मुक्ति का।
कुछ दिनों पहले मुंबई के फिल्म उद्योग से इस तरह की खबरें आ रहीं थीं। अभिनेता सुशांत सिंह राजपूत की आत्महत्या में जांच के बाद निकले नशे के इन मामलों में दीपिका पादुकोणे, कॉमेडियन भारती सिंह सहित ढ़ेरों अभिनेता और फिल्म तथा टीवी प्रोफेशनल नशे में घिरे हुए बताए जा रहे थे। इस मामले की जांच अभी भी जारी है।
इस रैकेट को पकड़ने का अभियान पूरे देश में चर्चित रहा अब संभवतः ऐसा ही अभियान मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान भी चलाने के मूड में हैं। वे इसे लेकर लगातार इसके लिए बैठकें कर रहे हैं।
सरकार के इस अभियान की वजह है इंदौर की एक महिला है जिसे आंटी कहा जा रहा है। इस महिला की गिरफ्तारी ने मध्यप्रदेश के बड़े शहरों में चल रहे नशे के इस कारोबार को पूरी तरह उजागर कर दिया है।
विजयनगर थाना पुलिस के हाथ लगी इस महिला के कई नाम हैं लेकिन उसका व्यवसायिक नाम एक तरह से आंटी है। पुलिस के मुताबिक आंटी उर्फ काजल उर्फ सपना उर्फ प्रीति जैन उंचे दर्जे वाले ग्राहकों को एमडीएमए और कोकिन सप्लाई करती है।
आंटी अब तक वह इंदौर और दूसरे बड़े शहरों के बड़े बिल्डर, कारोबारी और पब संचालकों को नशे की लत लगा चुकी है। पुलिस का अनुमान है कि आंटी हर महीने करीब दस लाख रुपये की ड्रग बेच लेती थी। आंटी शहर के सभी पब में इसकी सप्लाई करती थी।
नईदुनिया अख़बार की खबर के अनुसार विजय नगर थाना टीआइ तहजीब काजी कहते हैं कि स्कीम नंबर-78 (स्लाइस-5) निवासी 45 वर्षीय काजल उर्फ आंटी मूलत: पुणे की रहने वाली है। इंदौर निवासी दीपक जैन से शादी होने के बाद वह यहां आ गई।
पूछताछ में काजल ने बताया कि उसके पैडलर पलासिया, टॉवर चौराहा, भमौरी, एबी रोड स्थित पबों की पार्किंग, होटल, रेस्तरां के आसपास घूमते रहते थे। उनके स्थायी ग्राहक रहते हैं।
नशे के लिए म्याउं-म्याउं का इशाराः आंटी के नशे के ये ग्राहक सप्लाई लेने के लिए अलग-अलग तरह के कुछ कोडवर्ड का इस्तेमाल करते थे। जैसे चॉकलेट, रिया, माल, म्याऊं, म्याऊं, मम्मी आदि। ये इशारा होता था एमडीएम मांगने के लिए। रसूखदार परिवारों से जुड़े युवक व युवतियां सीधे उसे कॉल कर एबी रोड पर पुड़िया लेने आ जाते थे।
आंटी से ये लोग 10 से 20 हजार रुपये ग्राम के हिसाब से पुड़िया बनाकर देती थी। टीआइ के मुताबिक उसके ग्राहक बड़े पैसे वाले लोग हैं जो डिलेवरी लेने के लिए ऑडी, मर्सीडिज, बीएमडब्ल्यू जैसी कारों से आते थे।
ज़ाहिर है इस अभिजात्य वर्ग के ग्राहकों पर अक्सर किसी को सीधे शक नहीं होता। आंटी ऐसे सैकड़ों परिवारों के युवाओं को नशे की लत लगा चुकी थी। जो नशे के एक डोज लेने के लिए आधी रात को आकर आंटी के सामने मिन्नतें करते थे।
पुलिस को शक है कि आंटी थोक की मात्रा में ड्रग्स खरीदती थी और फिर उसे अपने ग्राहकों को खेरची में बेचती थी। इसकी जानकारी एक टूटे हुए मोबाइल फोन में है जो आंटी ने ही तोड़ा है। पुलिस अब इससे डेटा निकाल रही है।
आंटी देहव्यापार से भी जुड़ी रही है। पुलिस का कहना है कि उसके पास ऐसी जगहें हैं जहां ग्राहकों को नशे के अलावा यह सुविधाएं भी दी जाती थीं। इन जगहों पर महंगे फर्नीचर और तमाम सुविधाएं मौजूद हैं।