इंदौरः बिना लाइसेंस चल रहे कई मैरिज गार्डन, बकाया टैक्स को लेकर भी उठ रहे सवाल


शहर में संचालित 190 मैरिज गार्डन 2018 के बाद से बगैर लाइसेंस के बेखौफ कारोबार कर रहे हैं। गार्डनों के मालिक जनप्रतिनिधि और दबदबे वाले लोग होने से निगम इस ओर से मुंह फेरकर बैठा है।


DeshGaon
इन्दौर Published On :
indore-marriage-garden

इंदौर। नगर निगम अपनी माली हालत सुधारने के लिए टैक्स वसूली में कड़े कदम उठा रहा है। बकायेदारों की संपत्ति सील करने में भी वह पीछे नहीं है। दुकानदारों के लाइसेंस लगातार रिन्यू किए जा रहे हैं, लेकिन शहर में संचालित 190 मैरिज गार्डन 2018 के बाद से बगैर लाइसेंस के बेखौफ कारोबार कर रहे हैं।

गार्डनों के मालिक जनप्रतिनिधि और दबदबे वाले लोग होने से निगम इस ओर से मुंह फेरकर बैठा है। बताते हैं कि शहर के मैरिज गार्डनों पर नगर निगम का 10 लाख से ज्यादा का टैक्स व लाइसेंस फीस बकाया है। धार रोड, खंडवा रोड, एबी रोड, विजय नगर, श्याम नगर, वीणा नगर, एमआर-10 सहित कई बाहरी इलाकों में छोटे-बड़े 190 से अधिक मैरिज गार्डन हैं।

इन गार्डनों में हर साल वैवाहिक, सांस्कृतिक और सामाजिक कार्यक्रम होते हैं। गार्डनों के क्षेत्रफल, सजावट, संसाधन, मेहमानों की संख्या के मान से उनका किराया तय किया जाता है। किराया लेने के बाद सफाई, बत्ती आदि का पैसा अलग से वसूला जाता है। कई बार पैसा लेने के बावजूद गार्डनों के मैनेजर व मालिक आयोजकों से दादागिरी भी करते हैं।

दुकानों व अन्य प्रतिष्ठानों का एक साल का लाइसेंस बनता है। इसमें निगम को 2 से 3 लाख रुपये प्रतिवर्ष प्राप्त होते हैं। लाइसेंस का रिन्यूवल अप्रैल में होता है। लाइसेंस जांच के लिए निगम ने अमला भी तैनात कर रखा है, मगर अभी तक शहर की कोई दुकान निगम को ऐसी नहीं मिली, जो बगैर लाइसेंस संचालित हो रही है जबकि कई दुकानदारों ने लाइसेंस नहीं बनवाए हैं। विभाग के प्रभारी ने भी कभी निरीक्षण नहीं किया।

मैरिज गार्डनों के लिए शासन की ओर से कई नियम बनाए गए हैं। इनमें रात 10 बजे डीजे व अन्य साउंड वाले साधन नहीं बजेंगे। गार्डन के क्षेत्रफल में से 25 प्रतिशत जमीन पार्किंग की होगी। बिजली-पानी की भरपूर आपूर्ति हो। गार्डन मुख्य मार्ग से 100 मीटर अंदर हो। पूरे परिसर में सीसीटीवी कैमरे लगे हों। अग्निशमन यंत्र की व्यवस्था हो, लेकिन मैरिज गार्डन वाले ऐसा कोई नियम नहीं मानते।

जानकारी के मुताबिक, हर मैरिज गार्डन संचालक नियमों के परे रहकर संचालित कर रहे हैं। वाहनों की पार्किंग सड़क पर हो रही है। देर रात तक पार्टियों का दौर चलता है। कुछ गार्डन मुख्य मार्ग पर हैं, जहां से रोजाना निगम के अधिकारी आवाजाही करते हैं।

एक साल पहले निगम ने आईटीआई के समीप एक भाजपा नेता का मैरिज गार्डन जमींदोज किया था। यह गार्डन निगम की जमीन को हथियाकर बनाया गया था। कुछ दिन बाद फिर उसी जमीन पर उक्त कार्यकर्ता ने गार्डन शुरू कर दिया।

नगर निगम के अपर आयुक्त (राजस्व) एस कृष्णन अय्यर के मुताबिक मैरिज गार्डनों के लाइसेंस 2018 से नहीं बने हैं। शीघ्र ही गार्डनों की फाइल खंगाली जाएगी। लाइसेंस जमा नहीं करने वाले संचालकों पर पेनाल्टी वसूलेंगे। अवैध निर्माण या शासकीय जमीन पर गार्डन मिला तो उसे जमींदोज किया जाएगा।


Related





Exit mobile version