आंबेडकर जयंती समारोहः पिछले वर्षों की अपेक्षा धीमी हैं तैयारियां, अनुयायियों की संख्या हो सकती है अधिक


इस वर्ष प्रशासन की तैयारियों को पिछले वर्षों से धीमा इसलिए बताया जा रहा है क्योंकि अब तक इस तरह के कार्यक्रम की तैयारियां काफी पहले और तेजी से की जाती थीं।


अरूण सोलंकी
इन्दौर Published On :
babasaheb ambedkar smarak in mhow
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इंदौर। डॉ. बीआर आंबेडकर की जन्मभूमि महू में आगामी चाैदह अप्रेल को आंबेडकर जयंती महोत्सव के लिए स्थानीय स्तर पर तैयारियां शुरू कर दी गईं हैं। बीते दो वर्ष से कोरोनाकाल के कारण यह महोत्सव  सामान्य रूप से मनाया जा रहा था। हालांकि इस बार भी उत्सव को लेकर शासन और प्रशासन की ओर से पिछले वर्षों की तरह उत्साह नज़र नहीं आ रहा है।

महू में शुरुआती  स्तर पर बैठक आयोजित कर तैयारियों को अंतिम रूप दिया जा रहा है। इस महोत्सव में इस बार विशेष अतिथि के आने को लेकर संशय बना हुआ है। बताया जा रहा है कि इस बार मुख्यमंत्री शिवराज सिंह भी माल्यार्पण कर चले जाएंगे क्योंकि इस बार उनकी सभा का आयोजन शायद न हो। स्थानीय प्रशासन फिलहाल इस बारे में कोई खास तैयारियां करता नज़र नहीं आ रहा है।

प्रशासन स्तर से भले ही तैयारियां कोई बहुत बड़े पैमाने पर नजर न आ रहीं हों लेकिन स्मारक पर आंबेडकर अनुयायियों की बड़ी संख्या में आने की उम्मीद है। समारोह में दो वर्षों से लोग नहीं आ सके थे ऐसे में ये उम्मीद जताई जा रही है कि इस बार फिर करीब एक लाख से अधिक लोग यहां पहुंच सकते हैं। इन लोगों के लिए प्रशासन ने तैयारियां शुरु कर दी हैं।

इस वर्ष प्रशासन की तैयारियों को पिछले वर्षों से धीमा इसलिए बताया जा रहा है क्योंकि अब तक इस तरह के कार्यक्रम की तैयारियां काफी पहले और तेजी से की जाती थीं।

आंबेडकर जयंती महू के लिए सबसे बड़ा पर्व है और यहां जयंती पर हर साल हजारों की संख्या में लोग पहुंचते हैं ऐसे में अप्रैल से पहले ही कई बार प्रशासन तथा पुलिस सहित कई अन्य विभागों के अधिकारी यहां कई बार आ चुके होते थे लेकिन इस बार ऐसा कुछ नहीं हुआ है।

महू में कुछ महीने पहले ही पदस्थ किये गए एसडीएम अक्षत जैन आंबेडकर महोत्सव की तैयारियों को लेकर कुछ गंभीर नजर आ रहे हैं और उन्होंने पिछले वर्षों के आयोजन की जानकारी लेते हुए सभी विभागों की बैठकें बुलाईं हैं और उन्हें आवश्यक दिशा-निर्देश दिये हैं।

आंबेडकर जयंती उत्सव पर इस बार राष्ट्रीय स्तर का कौन से नेता आएंगे यह अभी तक स्पष्ट नहीं हो सका है। हालांकि कुछ समय पूर्व तक चर्चा थी कि राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद यहां पहुंचेंगे लेकिन उनका आना भी अभी तक तय नहीं है।

चर्चा है कि इस बाद  मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान  आएंगे लेकिन सिर्फ माल्यार्पण कर वापस चले जाएंगे। उनकी सभा नही होगी। हालांकि जिस जगह सभा होती है वहां सेना ने तार की फेंसिंग कर दी है। चौदह अप्रैल को निकलने वाली अस्थि कलशयात्रा का समय व मार्ग भी बदल दिया गया है। छावनी परिषद द्वारा अनुयायिों के ठहरने के लिए प्रायमरी स्कूल व गर्ल्स स्कूल  परिसर में  व्यवस्था की जा रही है।

आयोग अघ्यक्ष ने दौरा कियाः  गुरूवार को राष्ट्रीय अनुसूचित जनजाति आयोग के अध्यक्ष  हर्ष चौहान ने स्मारक का दौरा कर यहां की व्यवस्था को देखा।

उनके साथ एसडीएम अक्षत जैन, राधेश्याम यादव  भी मौजूद  थे। चौहान ने स्मारक की व्यवस्था , प्रतिमा को देखा तथा जयंती महोत्सव पर होने वाले कार्यक्रमों व तैयारियों के बारे में चर्चा कर आवश्यक निर्देश दिए।


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