इंदौर। महू पुलिस ने एक पेट्रोल पंप पर छापा मार कार्रवाई करते हुए सालों से बेचे जा रहे नकली पेट्रोल और डीज़ल बेचने वाले गिरोह को पकड़ा है। पुलिस के मुताबिक पेट्रोल डीजल मंहगा होने के बाद इनका व्यापार और भी फलफूल रहा था और लोगों पर दोहरी मार पड़ रही थी क्योंकि इस नकली ईंधन पर भी किसी तरह की रियायत नहीं मिलती थी।
पुलिस ने एक पंप पर छापा मारा और इस पंप से नकली पेट्रोल व डीजल बेच कर शासन को अब तक करोड़ों रूपये के राजस्व का नुकसान पहुंचा चुका है।
इस मामले में पुलिस ने चार आरोपियों को गिरफ्तार करते हुए पांच टैंकर जब्त किए हैं। पुलिस ने पंप व नकली पेट्रोल बनाने वाली कंपनी को सील कर दिया है।
किशनगंज पुलिस ने मुखबिर सूचना पर उमरिया ग्राम पंचायत क्षेत्र में मौजूद एमपी बॉम्बे ऑटो पेट्रोल डीजल पम्प पर छापा मारा। पुलिस के मुताबिक यहां लोगों को मिलावटी ईंधन दिया जा रहा था। यहां से पुलिस नकली ईंधन के अलावा टैक्स चोरी की खबरें भी मिल रहीं थीं।
गुरुवार को जब पुलिस मौके पर पंहुची तो पेट्रोल पम्प के परिसर में ही एक टैंकर अनलोड हो रहा था। इस दौरान इस प्रक्रिया को रोककर टैंकर के चारों कंपार्टमेंट की जांच की। इस दौरान कुछ अनियमितताएं मिलीं और जब पुलिस ने चालक सुरेश श्यामलाल से इस बारे में पूछताछ की तो उसने मिलावट की बात स्वीकार की।
इसके बाद पुलिस ने फिर आगे की कार्रवाई शुरु की और चालक सुरेश कुशवाह की निशादेही पर पीथमपुर में सेक्टर तीन में शिवम इण्डस्ट्रीज की में मौजूद ऑपरेटर चन्द्र प्रकाश पाण्डे से पूंछतांछ की। जिसमें बताया कि इस कंपनी का मालिक इंदौर का रहने वाला राकेश अग्रवाल है और उसी के कहने पर टैंकर में हाईड्रो कार्बन रसायन उसने टैंकर में लोड किया था।
शिवम इण्डस्ट्रीज में मुम्बई और हजीरा से फ्यूल आईल, मिक्सड हैक्जिन, सी 09 , पेन्टेन और रबर प्रोसेस आईल खरीदकर मंगाये जाते हैं। इन सभी हाईड्रो कार्बन को अलग-अलग अनुपात में मिक्सिंग मशीन में मिक्स कर ऐसा मिश्रण बनाते हैं जो बिल्कुल पेट्रोल और डीजल की तरह दिखता है और पेट्रोल और डीजल की तरह काम भी करता है।
मिक्सिंग के बाद जो उत्पाद बतौर पेट्रोल प्रयोग होता है उसको शिवम इण्डस्ट्रीज की तरफ से लो फ्लेस ऑईल कहकर बेचा जाता है और डीजल की जगह प्रयोग हो सकने वाला मिक्सचर रबर प्रोसेस आईल कहलाता है और इसके अलावा पेस्टिसाइड कम्पनियों को काम आने वाला एक मिक्सचर मिक्स सी 09 के नाम से भी बनता है।
शिवम इण्डस्ट्रीज पीथमपुर के मालिक द्वारा सक्षम प्राधिकारी से इसका लाइसेंस परमिट यह बताकर लिया गया है कि उपरोक्त मिक्सचर कंस्ट्रक्शन व मेन्यूफेक्चरिंग यूनिट के बायलर गर्म करने और फर्निस फ्यूल के रूप में बेचा जायेगा लेकिन पेट्रोल व डीजल के बढे हुए दामों के कारण अधिक मुनाफा कमाने के लिये विजय मुंदड़ा नामक पेट्रोल पम्प मालिक और अन्य पेट्रोल पम्प संचालकों से मिलीभगत कर उनके पेट्रोल पम्प से आम ग्राहकों को पेट्रोल व डीजल की जगह मिलावट वाले मिश्रण बेचते हैं।
फैक्ट्री की तलाशी लेने पर हजारो लीटर क्षमता के दर्जन भर से अधिक टैंक जमीन के उपर व जमीन के अंदर मिले। जिनमे से पांच टैंक अलग-अलग हाईड्रो कार्बन से भरे थे।
पुलिस द्वारा सुरेश कुशवाहा और चन्द्र प्रकाश पाण्डे की निशानदेही से टैंकर क्रमांक MP 09 HJ 9027 में जो हाईड्रो कार्बन मिश्रण लोड किया गया था उन टेंकरो की पहचान की गई। पुलिस ने आरोपियों पर धारा 420 व 120 बी और धारा 3/7 आवश्यक वस्तु अधिनियम का अपराध दर्ज किया है। इसके अलावा पांचो टैंकरों से टेस्टिंग के लिए नमूने लिये हैं।
सुरेश कुशवाहा तथा चन्द्र प्रकाश पाण्डे भारत पेट्रोलियम कम्पनी के टैंकर नंबर MP 09 HJ 9027 11 अक्टूबर को मांगलिया डिपो से न भरते हुए उपरोक्त फैक्ट्री से हाईड्रो कार्बन मिश्रण भरने तथा विजय मुंदडा पेट्रोल पम्प में अनलोड करने को लेकर कोई ठोस वजह नहीं बता सके।
पुलिस ने सुरेश पिता श्यामलाल कुशवाहा उम्र 55 साल निवासी छोटी खुड़ेल थाना खुडेल जिला इन्दौर, चन्द्र प्रकाश पाण्डे पिता चिंतामन पाण्डे निवासी ग्राम उदयपुर डीपी थाना खुटहन जिला जोनपुर हाल शिवम इण्डस्ट्रीज सेक्टर 03 पीथमपुर जिला धार, विजय कुमार मुंदडा निवासी पिपल्याराव इन्दौर, राकेश अग्रवाल पिता ताराचन्द्र अग्रवाल निवासी 267 वंदना नगर इन्दौर को गिरफ्तार किया है।
इस कार्रवाई को डीआईजी मनीष कपूरिया एवं एसपी महेशचंद जैन के निर्देश पर शुरु किया गया। वहीं महू से इंदौर ग्रामीण के एएसपी पुनीत गेहलोद के नेतृत्व में एसडीओपी विनोद शर्मा, टीआई किशनगंज शशिकांत चौरसिया ने मौके पर मोर्चा संभाला। वहीं पुलिसकर्मी मुकेश नागर, योगेश रघुवंशी, मुन्नालाल यादव आदि ने अहम भूमिका निभाई।
पुलिस की यह कार्रवाई धार जिले की पुलिस पर बड़ा सवाल है क्योंकि पीथमपुर क्षेत्र में शिवम इंडस्ट्रीज़ काफी विवादित है। नकली ईंधन बनाने की बात पर लोगों को यहां कोई अचरज नहीं होता है।
कंपनी यह काम सालों से कर रही है और कई बार कंपनी का नाम इस तरह के विवादों में औपचारिक रुप से भी आ चुका है लेकिन कंपनी का मालिक राकेश अग्रवाल हर बार अपने रसूख़ के दम पर बच निकला है। बड़ा सवाल पीथमपुर पुलिस की भूमिका को लेकर है जो अब तक अपने इलाके में चल रहे इस अवैध व्यापार को नहीं पकड़ सकी है।