इंदौर। इंदौर जिले में जरूरतमंद वृद्धजनों के उपचार के लिए मानवीय संवेदना के साथ अनूठी पहल की जा रही है। जिले में अब निजी अस्पतालों में जरूरतमंद वृद्धजनों के उपचार के लिए विशेष व्यवस्था रहेगी।
जिले में जिला प्रशासन की पहल में सहभागी बनते हुए निजी अस्पतालों के संचालकों ने तय किया है कि वे अपने-अपने अस्पतालों में दो-दो पलंग जरूरतमंद वृद्धजनों के उपचार के लिए आरक्षित रखेंगे जिससे की चिकित्सकीय आकस्मिकता की स्थिति में उनका उपचार सहजता के साथ शुरू किया जा सके।
इस संबंध में कलेक्टर मनीष सिंह द्वारा दिये गये निर्देशों के परिपालन में मंगलवार 2 फरवरी को आयोजित बैठक में निजी अस्पतालों के प्रबंधकों/संचालकों ने इस संबंध में अपनी स्वीकृति प्रदान की। बैठक में बताया गया कि वृद्धाश्रम को संबंधित अस्पतालों से जोड़ा जायेगा।
आस्था वृद्धाश्रम (परदेशीपुरा), अमरलाल चेरिटेबल ट्रस्ट (हवा बंगला), महिला उत्कर्ष (वृंदावन), भोले राम भक्त हनुमान मंदिर (भमोरी), जीवन ज्योति (नवलखा), निराश्रित सेवाश्रम (कान्यकुब्ज नगर), गोल्ड क्वाईन सेवा ट्रस्ट (अन्नपूर्णा मंदिर), राजशांति आशियाना एवं 10 रैन बसेरों को चिन्हित कर इनके वृद्धजनों और अन्य जरूरतमंदो के लिए अरविंदो, चोइथराम, मेदांता, राजश्री अपोलो, सीएचएल, शैल्बी, वर्मा यूनियन, अरिहंत, सुयश, एप्पल, यूनिक, बांठिया, ग्रेटर कैलाश, गीतांजली, सेंटर फॉर साइट, चोइथराम नेत्रालय एवं महावीर अस्पताल में इलाज की व्यवस्था रहेगी।
■इंदौर में जरूरतमंद वृद्धजनों के उपचार के लिये अनूठी पहल
■निजी चिकित्सालयों में जरूरतमंद वृद्धजनों के उपचार के लिये रहेगी विशेष व्यवस्था
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— PRO JS Indore (@projsindore) February 2, 2021
भिक्षुक पुनर्वास योजना की समीक्षा में सांसद शंकर लालवानी तथा संभागायुक्त डॉ. पवन कुमार शर्मा एवं निगमायुक्त प्रतिभा पाल द्वारा नगर की विभिन्न पंजीबद्ध/अपंजीबद्ध वृद्धाश्रमों एवं रैनबसेरे में वृद्धजनों के चिकित्सकीय आकस्मिकता की स्थिति में तत्काल आकस्मिकता एवं गहन चिकित्सा सेवाएं सुनिश्चित करने के लिए विभिन्न मल्टीस्पेशलिस्ट अस्पतालों के द्वारा इन वृद्धाश्रमों को गोद लेने की अपील की गई थी।
इसी उद्देश्य के लिए मंगलवार को कलेक्टर मनीष सिंह के निर्देशानुसार मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी कार्यालय इंदौर में बैठक हुई। बैठक में सीएमएचओ डॉ. पूर्णिमा गाडरिया, अपर आयुक्त श्रृंगार श्रीवास्तव, संयुक्त संचालक सामाजिक न्याय सुचिता तिर्की, शहर के विभिन्न अस्पतालों के संचालक/प्रबंधक मौजूद थे।