इंदौर। नगर पालिका पीथमपुर के सीएमओ पद पर अब कौन बैठेगा यह आने वाले दिनों में ही पता चल सकेगा। मंगलावर को हाईकोर्ट की इंदौर बैंच में सुनवाई के दौरान नपा के पूर्व सीएमओ गजेंद्र सिंह बघेल की याचिका का नंबर ही नहीं आया। इस तरह उनकी याचिका अब आगे बढ़ गई है।
जानकारी के मुताबिक बघेल की याचिका 55वें नंबर पर थी लेकिन शाम तक कोर्ट में केवल पचासवें नंबर तक ही सुनवाई हो सकी और बघेल की याचिका का नंबर ही नहीं आ पाया।
ऐसी स्थिति में अब बघेल की याचिका पर सुनवाई कब होगी यह फिलहाल तय नहीं हो सका है। हालांकि आगे एक-दो दिनों मे सुनवाई हो सकती है। हालांकि लगातार हो रही देरी के कारण अब गजेंद्र सिंह बघेल को उनके तबादले पर स्थगन मिलना फिलहा मुश्किल नज़र आ रहा है क्योंकि मौजूदा सीएमओ मधु सक्सेना ने भी तबादले के आदेश मिलते ही पीथमपुर में पदभार संभाल लिया था और अब उन्हें आए काफी समय हो रहा है ऐसे में उनकी स्वभाविक दलील होगी कि अगर बघेल को स्थगन मिलता है तो वे कहां जाएंगी।
वहीं बघेल के सीएमओ रहते स्वच्छ भारत मिशन और मैन पावर सप्लाई का काम करने वाली कंपनी डिवाईन वेस्ट मैनेजमेंट को दिया गया अप्रत्याशित और ग़ैरकानूनी लाभ भी उनके सामने मुसीबत बन चुका है।
जानिए पूर्व सीएमओ बघेल पर क्यों लगा है शासन को सात करोड़ के नुकसान देने का आरोप
बघेल के खिलाफ जांच शुरु हो गई है। अधिकारियों ने पाया है कि उन्होंने उक्त कंपनी सहित बर्फानी नाम की एक अन्य कंपनी को लाभ देकर करीब सात करोड़ का नुकसान शासन को दिया है। इस दौरान सबसे ज्यादा लाभ डिवाइन वेस्ट मैनेजमेंट को ही दिया गया है।
इस मामले को लेकर पिछले दिनों पीथमपुर के कांग्रेसी नेता हेमंत हिड़ौले और सुरेश चौकसे ने पीथमपुर में पुलिस को ज्ञापन देकर सीएमओ और अध्यक्ष के खिलाफ़ प्रकरण दर्ज करने की मांग भी की थी।