फायदे गिनाकर क्रेडिट कार्ड बनवाया फिर उससे निकाल लिए पैसे, कई लोगों को लगाई लाखों की चपत


मामले में पुलिस से शिकायत की गई लेकिन कार्रवाई नहीं हो सकी है वहीं पीड़ित जिन लोगों पर आरोप लगा रहे हैं वे भी अब नहीं मिल रहे हैं, महूगांव क्षेत्र में दर्जनों लोग इस धोखाधड़ी का शिकार हुए हैं।


अरूण सोलंकी
इन्दौर Published On :

इंदौर। भोले भाले लोगों से पहले दोस्ती की फिर क्रेडिट कार्ड बनवा दिए लेकिन उस पर मोबाईल और ईमेल अपना दे दिया इसके बाद इनके खाते से लाखों रूपये निकाल कर चंपत हो गया। पुलिस में शिकायत भी मगर कोई कार्रवाई नहीं हुई, इस ठगी के शिकार लोगों के पास एक नई आर्थिक समस्या खड़ी हो गई है। ठगी का  शिकार हुए लोगों की संख्या एक दो-नहीं करीब बीस से ज्यादा नागरिक हैं जो महू तहसील के महूगांव नगर परिषद क्षेत्र की कॉलोनियों के रहवासी हैं।

सुपर सिटी निवासी जगदीश पाटिल का  एक साल पहले अशोक नागर नाम के व्यक्ति से परिचय हुआ। अशोक ने जगदीश से क्रेडिट कार्ड बनाने कहा। उन्हें कार्ड सात दिन में मिलने वाला था लेकिन काफी दिनों तक इंतजार करने के बाद भी नहीं मिला। इसके बाद  पता  चला कि उनके खाते से 63 हजार रूपये निकाल लिए गए हैं। मामले की पड़ताल की  तो जानकारी मिली की यह राशि क्रेडिट कार्ड के माध्यम से निकाल ली गई है।

दर्जनों ठगी के मामले…

जगदीश बताते हैं कि वे अकेले नहीं थे जो इस तरह की ठगी का शिकार हुए हैं बल्कि उनके आसपास के कई दूसरे रहवासी भी इसी प्रकार की ठगी का शिकार हुए हैं। इनमें  विकास रमाशंकर मिश्रा निवासी चिनार लेकव्यू कॉलोनी को 3 लाख, हरेंद्र अमृतसिंह भदोरिया से 2 लाख, सरिता पति विकास कैथवास निवासी छोटा तेली मोहल्ला महू से 4 लाख्, करूणा पति दीपक विश्वकर्मा से 3 लाख, संजय पुत्र सुरेश जोशी चिनार पार्क कॉलोनी से  4 लाख, लाखन पुत्र शिवनारायण नागर निवासी रामानगर पीथमपुर  से 12 लाख, संजीव मोहनलाल धाकड़ से 11 लाख, राकेश पुत्र रामचरण सुनारे से 2 लाख  तथा राकेश  पुत्र छगनलाल यादव से 1 लाख रूपये की ठगी की गई है।

पीड़ितों ने बताया कि आरोपी ने क्रेडिट कार्ड  में  मोबाईल नंबर व ईमेल स्वयं का दिया ताकि हम लोगों को बैंक से किसी प्रकार का मैसेज न मिल सके। कार्ड निशुल्क बनाता था तथा  सेवाएं शुरू करने की कार्रवाई बता कर हमारे मोबाईल में एपडाउन लोड करने के नाम पर क्रेडिट कार्ड अपने साथ ले गया। इनका एक अन्य साथी भारत धाकड़ पूर्व में सहारा इंडिया व एलआईसी के माध्यम से 25 लाख रूपये की  हेराफेरी करने के मामले में जेल जा चुका है।

 

ऐसे दिया झांसा…  मामले के एक पीड़ित राकेश पांडे ने बताया कि अशोक नागर ने क्रेडिट कार्ड बनवाने के लिए मुझ पर काफी दबाव बनाया और बाद में मैंने अपना आधार कार्ड, पेन कार्ड, वेतन पर्ची की फोटो कॉपी नागर को दे दी।  कार्ड आने पर नागर ने कहा कि इस कार्ड का 5 सौ रूपये सालाना शुल्क लगेगा लेकिन एक साल में कम से कम 20 हजार रुपये का क्रेडिट करते हो तो यह शुल्क नहीं लगेगा। मेरे  द्वारा मना करने पर नागर ने यह कार्ड यह कह कर ले लिया कि वह इस क्रेडिट का उपयोग कर लेगा और राशि उसके खाते में जमा करा देगा। नागर अक्सर राकेश के घर आकर उसका मोबाईल उपयोग करता रहा।

कुछ समय तक तो नागर ने राकेश पांडे और उनके परिवार का विश्वास जीतने के लिए क्रेडिट कार्ड से उपयोग की गई राशि राकेश के खाते मे जमा करवाई लेकिन बाद में करीब 10 लाख रूपये स्वयं तथा पत्नी के खाते में डलवा लिए जो आज तक वापस नहीं दिए। अब दोनों ने मोबाईल भी बंद कर दिए हैं।

 

इस ठगी का शिकार हुए लोगों ने बताया कि अशोक नागर  क्रेडिट कार्ड बनवाता था जबकि उसकी पत्नी प्रिया आर्य नागर शासकीय शिक्षिका  थी जो लोगों को जोड़ने का काम करती थी। इस मामले में ऐसे नौकरीपेशा लोगों को शिकार बनाया गया है जिन्हें महीने में कुछेक बार उधार या क्रेडिट कार्ड से मिलने वाली सुविधाओं की ज़रुरत पड़ती है। ऐसे लोग आसानी से मिलते गए और आरोपी ने इनके नाम पर कई क्रेडिट कार्ड जारी करवाए और उनमें से एक कार्ड धारक को देकर बाकी अपने  पास रख लिये और इनसे खरीदी या पैसे की नकद निकासी करता रहा।

 

इस प्रकार की ठगी के शिकार हुए कई लोगों ने बताया कि नागर, उसकी पत्नी एवं उनका साथी धाकड़ ने हम सबसे करीब सवा कराेड़ रूपये की धोखाधडी की। किशनगंज पुलिस में भी इसकी शिकायत भी की गई लेकिन अभी तक इस मामले में कोई कार्रवाई नहीं हुई है। मामले में आरोपित अशोक नागर का पक्ष जानने के लिए भी उनसे संपर्क किया गया लेकिन उनसे बात नहीं हो सकी है। लोगों के मुताबिक नागर अब नहीं आते हैं और न ही फोन उठाते हैं।

इस संबंध में किशनगंज थाने के प्रभारी कुलदीप खत्री ने कहा कि कुछ लोगों ने इसकी शिकायत की है इनके सभी कागजात मंगवाए गए हैं जो अभी तक उनके पास नहीं आए हैं।  पीड़ित अगर पूरे कागजात एवं बैंक डिटेल थाने में दें तो इसके बाद प्रकरण दर्ज कर जांच व कार्रवाई शुरू की जाएगी।

 


Related





Exit mobile version