इंदौर। एबी रोड पर किशनगंज थाना क्षेत्र के गांव पिगडंबर में बुधवार को बोरिंग को लेकर हुए विवाद के दौरान जमकर मारपीट और चाकूबाजी हुई। यह विवाद बोरिंग के कारण उड़ने वाली धूल को लेकर था।
इस मारपीट में भाजपा नेता उदल सिंह चौहान के बेटे सुजीत की हत्या कर दी गई। इससे नाराज ग्रामीणों ने एबी रोड पर चक्काजाम कर दिया। इस दौरान इंदौर और पीथमपुर की ओर करीब कई किमी तक लंबा जाम लग गया।
मामले में सात लोगों को आरोपित बनाया गया है। जानकारी के मुताबिक जिनमें से दो को पकड़ लिया गया है। इसके बाद गुरुवार को आरोपितों के घरों पर बुलडोजर चलाए जा रहे हैं। गुरुवार सुबह पुलिस और प्रशासन ने मौके पर पहुंचकर महू में चार घर तोड़ दिये।
इससे पहले बुधवार रात चक्काजाम करने वालों ने कई गाड़ियों में तोड़-फोड़ कर दी और एक बाइक में आग लगा दी। इस दौरान पथराव भी किया गया। जाम के चलते एबी रोड पर लोग काफी परेशान रहे।
यहां एक ओर इंदौर बायपास और दूसरी ओर मुंबई बायपास पर भी लंबा जाम लग गया था। लाठी-डंडों के साथ धारदार हथियार भी चले। स्थिति इतनी गंभीर हो रही थी कि पुलिस और प्रशासन के अधिकारी-कर्मचारी भी दूर खड़े रहकर बिगड़ रही स्थिति को देख ही पा रहे थे।
महू में पुलिस तंत्र बुरी तरह विफल रहा और इसे संभालने के लिए कोई बड़ा पुलिस अधिकारी मौके पर मौजूद नहीं था। चक्काजाम के चलते करीब तीन घंटे तक जाम लगा रहा, जो रात करीब सवा 11बजे खुल सका।
घटना का ब्यौरा
दोपहर में गांव पिगडंबर की एक कालोनी में बोरिंग लगाने को लेकर विवाद हुआ था। स्थानीय लोगों के अनुसार इस विवाद में एक पक्ष महू से था। विवाद बढ़ने पर बड़ी संख्या में महू की ओर से लोग आए और हमला कर दिया।
इस दौरान सुजीत राऊ स्थित होटल से घर लौट रहा था, तभी उस पर हमला किया गया। बताया जाता है कि सुजीत के पेट में चाकू मारा गया।
घायल सुजीत की देर शाम मौत हो गई। वह कानून की पढ़ाई कर रहा था। सुजीत की मौत की खबर के बाद स्थानीय लोग भड़क गए और उन्होंने एबी रोड पर चक्काजाम कर दिया।
शुरुआत में यह विवाद सामान्य लग रहा था लेकिन बाद में इसने बड़ा रूप ले लिया। चक्काजाम करने वालों ने एबी रोड पर जमकर हंगामा किया।
मामले में सात आरोपित चिन्हित किए गए हैं। इनमें लोकेश वर्मा, मलकेस वर्मा, मन्नू कन्हैया लाल, रोहित बनबारी, भूरा सुंदर, दर्शन प्रकाश और राकेश डान शामिल हैं।
कार्रवाई से खुश हुए लोग –
गुरुवार सुबह करीब सवा छह बजे पुलिस और प्रशासन के अधिकारी यहां पहुंच गए और आरोपितों के घरों को तोड़ने की कार्रवाई शुरु कर दी। यहां राकेश डान का घर भी तोड़ा गया। राकेश डान इलाके का कुख्यात बदमाश है जो अवैध शराब का व्यापार भी काफी बड़े पैमाने पर करता है।
गूजरखेड़ा क्षेत्र में जिन पांच मकानों को तोड़ा गया है उनमें राकेश डान का भी घर शामिल है। इस इलाके में डान और इसकी तरह के कुछ बदमाशों का दबदबा है जो यहां कई तरह के नशे के कारोबार में लिप्त हैं। इन पर हो रही कार्रवाई से स्थानीय लोगों ने संतोष जताया।
लोगों के मुताबिक वे सरकार के इस निर्णय से काफी खुश हैं क्योंकि जिन लोगों पर कार्रवाई की जा रही है वे दशकों से इस इलाके में आतंक मचाए हुए थे। लोगों ने प्रशासन से अपील की है कि वे इनके अवैध शराब के अड्डों को भी ध्वस्त करें।
ये अड्डे महू में ही गूजरखेड़ा इलाके में श्मशान के आसपास हैं जिन पर आबकारी और पुलिस ने पहले भी कई बार दबिश दी लेकिन इन पर कोई ठोस कार्रवाई की खबर लोगों तक कभी नहीं पहुंची।
इससे पहले बुधवार रात एबी रोड पर हंगामे को लेकर राहगीर परेशान हो रहे थे। इस दौरान कुछ ने चक्काजाम कर रहे लोगों से हटने की अपील की। इस पर उनके साथ मारपीट की गई।
इंदौर से गुजरने वाली बसों में सवार कुछ लोगो ने हंगामे का वीडियो मोबाइल में बनाना शुरू कर दिया। इस पर लोगों ने उनसे मोबाइल छीनकर फेंक दिये। इस दौरान पत्थरबाजी हो रही थी। यहां एक ट्रक और बाइक में आगजनी भी की गई।
हंगामा इतना ज्यादा था कि कई थानों की पुलिस यहां पहुंच तो गई लेकिन स्थिति पर काबू पाने में पूरी तरह विफल रही। डेढ़ महीने से एएसपी का पद खाली है और एसडीओपी अपनी नियुक्ति के बाद से ही बीमारी के चलते छुट्टी पर हैं। ऐसे में एसडीएम अक्षत जैन और तहसीलदार अभिषेक शर्मा मौके पर पहुंचे।
हालांकि एसडीएम भी पुलिस बल के साथ करीब आधा किमी दूर खड़े रहे। इसके कुछ देर बाद जब वे हंगामा करने वाले लोगों के नजदीक उन्हें समझाने पहुंचे तो लोगों ने एसडीएम से भी गर्मा-गर्मी दिखाई और उन्हें चले जाने के लिए कहा। इंदौर देहात के एसपी भगवत सिंह बिरदे भी रात करीब सवा 11 बजे नजर आए।
एसडीएम जैन ने इसकी जानकारी कलेक्टर सहित दूसरे अधिकारियों को दी। इसके बाद इंदौर से डीआइजी देहात चंद्रशेखर सोलंकी सहित दूसरे पुलिस अधिकारियों के साथ पुलिस बल महू के लिए निकला।
महू में पुलिस को तैयारी करने के लिए कहा गया था। इसके बाद पुलिस ने आंसू गैस के गोले छोड़ने की भी तैयारी कर ली थी। भीड़ को तितर-बितर करने के लिए एक गोला भी छोड़ा गया।
मौके पर बढ़ते हंगामे से पुलिस और प्रशासन की नाराजगी की खबर ग्रामीणों को लगी। इसके बाद उन्होंने मामले को कुछ ढील दी और रात करीब सवा 11 बजे जाम खुलने लगा। पुलिस के अनुसार ग्रामीणों की जिद थी कि हत्या के आरोपितों को उन्हें सौंपा जाए ताकि वे अपने हिसाब से न्याय कर सकें। ऐसा नहीं करने पर वे बार-बार बवाल करने की धमकी दे रहे थे।
एसडीएम अक्षत जैन ने ग्रामीणों को फिर समझाइश दी। इसके बाद वे कुछ शांत होते नजर आए। गुरुवार को सुजीत की अंतिम यात्रा निकाली जाएगी। हत्या के आरोपितों को पकड़ने के लिए पुलिस बल रवाना हो गया है। पुलिस की कोशिश है कि रात को ही इन्हें पकड़ लिया जाए।
बोरिंग के दौरान धूल उड़ने का विवाद था। एक की मौत हुई है और कुछ लोग घायल हैं। जाम खुलवा दिया गया है। स्थिति नियंत्रण में है।
राकेश गुप्ता, आईजी ग्रामीण