इंदौर। साल के पहले दिन शहर के मुनरो कैफे में आयोजित स्टैंडअप कॉमेडी शो के दौरान कथित तौर पर विवादित टिप्पणी करने के आरोपी कॉमेडियन मुनव्वर फारूकी और कॉमेडी शो का आयोजन करने वाले नलिन यादव की जमानत याचिका हाईकोर्ट ने खारिज कर दी।
मुनव्वर और नलिन सहित छह लोग पिछले 27 दिन से जेल में बंद हैं। हाईकोर्ट ने 25 जनवरी को दोनों की याचिकाओं पर अंतिम बहस सुनने के बाद फैसला सुरक्षित रख लिया था, जो आज जारी हुआ।
इंदौर में साल के पहले दिन स्टैंडअप कॉमेडियन मुन्नवर फ़ारूकी सहित कुल छह लोगो को कथित तौर पर हिन्दू देवी-देवताओं के खिलाफ आपत्तिजनक टिप्पणी के आरोप में पुलिस ने गिरफ्तार किया था।
BREAKING : Madhya Pradesh High Court dismisses bail applications of comedian Munawar Faruqui & his aide Nalin Yadav in case for alleged hurting of religious sentiments.
They were arrested on January 2 for allegedly hurting religious sentiments during their show.#MunawarFaruqui pic.twitter.com/LcBL6i9KlW
— Live Law (@LiveLawIndia) January 28, 2021
भाजपा विधायक मालिनी गौड़ के बेटे एकलव्य गौड़ के नेतृत्व वाली संस्था हिंदरक्षक संगठन द्वारा तुकोगंज पुलिस को पेश किए गए सबूतों के आधार पर स्थानीय कोर्ट ने कॉमेडियन मुनव्वर फारूकी सहित अन्य लोगों को न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया था।
उन्होंने जमानत के लिए जिला कोर्ट में जमानत आवेदन प्रस्तुत किया था, लेकिन सत्र न्यायालय ने उन्हें जमानत देने से इंकार कर दिया था। इस पर आरोपितों ने हाईकोर्ट में जमानत याचिका प्रस्तुत की थी।
25 जनवरी को जस्टिस रोहित आर्य ने आरोपित मुनव्वर फारूकी और नलिन यादव की जमानत पर बहस सुनने के बाद फैसला सुरक्षित रख लिया था जो गुरुवार को जारी किया गया।
हाईकोर्ट में मुनव्वर फारूकी की तरफ से कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और राज्यसभा सांसद विवेक तन्खा पैरवी कर रहे हैं। आपत्तिकर्ता अधिवक्ता रोमिल वर्मा ने बताया कि न्यायधीश रोहित आर्य द्वारा सुनवाई के दौरान विशेष टिप्पणी भी की गई।
जस्टिस वर्मा ने कहा कि भाईचारा और सद्भावना बढ़ाना हर नागरिक का संवैधानिक कर्तव्य है। अभिव्यक्ति की आजादी के नाम पर कोई भी व्यक्ति किसी भी प्रकार की धार्मिक भावना को भड़काने वाली अनर्गल और अशोभनीय टिप्पणी नहीं करे।
हाइकोर्ट द्वारा जमानत याचिका ख़ारिज होने के बाद मुनव्वर और नलिन के पास अब सुप्रीम कोर्ट जाने के सिवाय कोई और रास्ता नहीं बचा है।