एक कर्मचारी से परेशान मप्र के दो कैबिनेट मंत्री, अधिकारी झुक गए लेकिन वनपाल बयान पर कायम


मंत्रियों के डर से सारे अधिकारी अपनी बात बदलने को तैयार हो गए लेकिन इन सभी में सबसे छोटे कर्मी वनपाल रामसुरेश दुबे ने अपनी शिकायत वापस लेने से साफ इंकार कर दिया। 


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इन्दौर Updated On :

इंदौर। बीते दिनों मंत्री उषा ठाकुर के ख़िलाफ़ वन विभाग के एक कर्मचारी ने जब्त वाहनों को ले जाने की शिकायत की थी। इस मामले में जांच शुक्रवार को भी जारी रही। मंत्री का नाम आने के बाद वन विभाग के अफ़सर जहां डर के मारे सहमे हुए हैं तो वहीं शिकायतकर्ता वनपाल राम सुरेश दुबे अपनी शिकायत पर अड़े हुए हैं।

इस मामले में शुक्रवार सुबह से ही जांच हो रही है और इस बीच शिकायतकर्ता पर कितने दबाव आए होंगे इसे समझ पाना मुश्किल नहीं लेकिन वे अपने रिकार्ड में बदलाव को तैयार नहीं है। वे आज भी कह रहे हैं कि मंत्री उषा ठाकुर और उनके सर्मथकों ने वन कार्यालय में आकर यहां जब्त कर रखे गए वाहनों को जबरदस्ती लेकर चले गए।

पिछले दिनों वन विभाग ने शिकायत में से मंत्री उषा ठाकुर का नाम हटा दिया। इसके बाद वन विभाग के बड़े अफसर भोपाल से महू जांच करने के लिए भी पहुंचे। जिन्होंने काफी देर तक जांच की थी।

इसके बाद उम्मीद रही होगी कि मंत्री उषा ठाकुर का नाम उस पंचनामे में से भी हटा दिया जाएगा जो घटना के समय वनकर्मियों ने बनाया था लेकिन वनपाल रामसुरेश दुबे ऐसा करने को तैयार नहीं हैं।

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उनके मुताबिक उन्होंने पहले ही अपने अधिकारियों को जानकारी दे दी थी और उनसे पूछकर पंचनामा बनाया था और शिकायत की थी। रिकॉर्ड में वे किसी तरह का फेरबदल नहीं कर सकते क्योंकि रिकॉर्ड एक बार घटना के तुरंत बाद तैयार किया गया था, इसे बार-बार बदलना कामकाज का सही तरीका नहीं है।

उल्लेखनीय है कि वनपाल ने वनरक्षक जुहार सिंह के बयान के आधार पर पंचनामा बनाया था। इसमें मंत्री उषा ठाकुर की मौजूदगी साफ दर्शाई गई थी। इसमें चौकीदार, नाकेदार वनरक्षक और वनपाल सहित कुल चार सरकारी कर्मचारियों के हस्ताक्षर थे।

इसके बाद वन मंत्री विजय शाह तक बात पहुंची। ख़बर है कि उन्होंने वन अधिकारियों को फोन लगाया और मंत्री उषा ठाकुर का नाम हटाने के लिए कहा। इसके बाद लगातार जांच की कवायद होती रही।

मंत्रियों के डर से सारे अधिकारी अपनी बात बदलने को तैयार हो गए लेकिन इन सभी में सबसे छोटे कर्मी वनपाल रामसुरेश दुबे ने अपनी शिकायत वापस लेने से साफ इंकार कर दिया। कुल मिलाकर एक वन कर्मी ने दो कैबिनेट मंत्रियों की नाक में दम कर रखा है।


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