इंदौर। महू में सेना के इंटेलिजेंस विभाग और छावनी पुलिस ने एक नकली फौजी को पकड़ा है। गणतंत्र दिवस के दिन यह व्यक्ति महू छावनी के सैन्य इलाके में सेना की वर्दी पहन कर घूम रहा था।
इस दौरान इस व्यक्ति ने मॉल रोड पर लगे तिरंगे की मोबाइल से तस्वीरें उतारना शुरू कर दीं। इस पर वहां खड़े फौजियों को इस पर शक हुआ और उससे पूछताछ शुरू कर दी।
पूछताछ में उसने अपना नाम मिथुन पिता रामप्रसाद बताया है जो राजगढ़ ब्यावरा का रहने वाला है। पूछताछ के दौरान फौजियों ने जब उसे अपना परिचय पत्र दिखाने को कहा तो मिथुन ने मोबाइल पर एक परिचय पत्र दिखाया लेकिन वह किसी अन्य व्यक्ति का सेना की कैंटीन का परिचय पत्र था।
दरअसल फौजियों को मिथुन की चाल देखकर शक हो गया था। इसके बाद उसने लगातार कई जवाब गलत दिए। वह अपनी पोस्टिंग की सही-सही जानकारी भी नहीं दे पा रहा था और ना ही सेना की नौकरी के सामान्य से कायदे कानून ही जानता था।
इस व्यक्ति ने पूछताछ में खुद को बिहार रेजिमेंट का सिपाही बताया। उसने वर्दी भी इसी रेजिमेंट की पहनी हुई थी। इसकी कैप पर रेजीमेंट का निशान उल्टा लगा हुआ था।
काफी देर तक पूछताछ करने के बाद इंटेलिजेंस और सेना पुलिस ने उसे महू पुलिस के हवाले कर दिया। जहां पुलिस उससे पूछताछ कर रही है। ऐसे में संभव है कि कुछ और जानकारियां भी निकलकर आएं।
पुलिस ने बताया कि मिथुन पीथमपुर क्षेत्र की कपारो नाम की कंपनी में सिक्योरिटी गार्ड है। उसे सेना में भर्ती होने का जुनून था। अपने इस सपने को पूरा करने के लिए वह सात बार सेना भर्ती परीक्षा में शामिल हुआ लेकिन इसके बावजूद उसका चयन नहीं हो सका।
इसके बाद उसने सिक्योरिटी गार्ड की नौकरी कर ली, लेकिन सैनिक की तरह दिखने का ऐसा जुनून था कि सेना की वर्दी पहनकर ही घूमने लगा। गणतंत्र दिवस की छुट्टी पर वह महू घूमने आया था और असली सेना के हत्थे चढ़ गया।