क्या धार्मिक भेदभाव कर रहे हैं इंदौर के महापौर पुष्यमित्र भार्गव! कांग्रेस ने दी ‘राजधर्म’ निभाने की नसीहत


महापौर पुष्यमित्र भार्गव के वीडियो के बाद कांग्रेस ने उन्हें ‘राजधर्म’ निभाने की हिदायत दी है। कांग्रेस ने क्षेत्रीय भेदभाव के आरोप लगाते हुए महापौर से सभी नागरिकों के प्रति समान व्यवहार की मांग की है।


DeshGaon
इन्दौर Updated On :
इंदौर महापौर पुष्यमित्र भार्गव पर भेदभाव के आरोप, कांग्रेस की राजधर्म निभाने की नसीहत

इंदौर नगर निगम के महापौर पुष्यमित्र भार्गव के एक वीडियो के सामने आने के बाद कांग्रेस ने उन्हें राजधर्म का पालन करने की हिदायत दी है। वीडियो में महापौर इंदौर अतिक्रमण दस्ते के एक अधिकारी से फोन पर बात करते नजर आते हैं, जिसमें वे शहर के व्यापारियों की सजावट को न हटाने का निर्देश देते हुए केवल रोड पर खड़ी गाड़ियों को हटवाने और चालान बनवाने के लिए कहते हैं। इसके बाद वीडियो में महापौर भार्गव विशेष रूप से खजराना, बम्बई बाजार और चंदन नगर जैसे क्षेत्रों का उल्लेख करते हुए कहते हैं कि अधिकारियों को इन क्षेत्रों में जाकर काम करना चाहिए। इंदौर के ये इलाके मुस्लिम बाहुल्य हैं लिहाज़ा यहां के व्यापारी भी इसी समुदाय से आते हैं।

इस वीडियो पर प्रतिक्रिया देते हुए मध्यप्रदेश कांग्रेस कमेटी के सचिव शेख शाकिर मसूदी ने महापौर के कर्तव्यों की याद दिलाते हुए कहा कि महापौर सिर्फ व्यापारियों के नहीं, बल्कि शहर के हर नागरिक के लिए समान रूप से जिम्मेदार हैं। उन्होंने महापौर पर क्षेत्रीय भेदभाव का आरोप लगाते हुए सवाल उठाया कि खजराना, बम्बई बाजार और चंदन नगर के व्यापारियों के साथ ऐसा भेदभाव क्यों किया जा रहा है। मसूदी ने राजधर्म का उल्लेख करते हुए महापौर से सभी नागरिकों और क्षेत्रों के साथ समान व्यवहार करने की अपेक्षा जताई है।

इस घटना से न सिर्फ स्थानीय प्रशासन की भूमिका पर सवाल खड़े होते हैं, बल्कि यह भी साफ होता है कि सार्वजनिक पद पर बैठे व्यक्ति से उम्मीद की जाती है कि वे संविधान और लोकतांत्रिक मूल्यों के प्रति समर्पित रहें। सार्वजनिक जीवन में निष्पक्षता और समानता का पालन करना ही सही अर्थों में राजधर्म का निर्वाह है।


Related





Exit mobile version