महूः बीमार अस्पताल को दुरुस्त करने की कोशिशें तेज़, प्रशासन ने डॉक्टरों के लिए तय किये ये नए नियम


एसडीएम जैन ने डॉक्टरों को कुछ खास दिशानिर्देश दिए हैं जिनका पालन करना अनिवार्य किया गया है। इनमें सबसे ज़रूरी पूरे अस्पताल स्टाफ को अब आने व जाने का समय नियमों के मुताबिक रखना है।


अरूण सोलंकी
इन्दौर Published On :
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महू। लापरवाही  व मनमानी के चलते शासकीय आंबेडकर अस्पताल पूरी तरह बीमार हो गया था। यहां न डॉक्टर समय पर आते हैं और न ही स्टाफ।  इस अव्यवस्था को ठीक करने के लिए महू एसडीएम की ओर से एक बार फिर प्रयास शुरु कर दिये गए हैं। इसके लिए पिछले दिनों एसडीएम अक्षत जैन ने एक बैठक आयोजित की और अव्यवस्था यहां भी नज़र आई। बहुत से डॉक्टर और नर्स इस बैठक में नहीं पहुंचे। इसके बाद उन्हें कारण बताओ नोटिस जारी किये गए हैं।

इस बैठक में एसडीएम जैन ने डॉक्टरों को कुछ खास दिशानिर्देश दिए हैं जिनका पालन करना अनिवार्य किया गया है। इनमें सबसे ज़रूरी पूरे अस्पताल स्टाफ को अब आने व जाने का समय नियमों के मुताबिक रखना है। इसे सुनिश्चित करने के लिए अब जानकारी बॉयोमेटिक मशीन पर दर्ज की जाएगी। यहां अब तक सभी कर्मचारी और अधिकारी रजिस्टर मे हस्ताक्षर करते थे। जिसमें मनमानी की गुंजाइश ज्यादा होती थी और बहुत से लोग इसका लाभ उठाते थे।

हालांकि डॉक्टरों की मनमानी एसडीएम द्वारा बुलाई गई बैठक में भी देखने को मिली। इस बैठक में पांच डॉक्टर एवं तीन नर्सें अनुपस्थित रहीं। जिन्हें अब कारण बताओ नोटिस दिया गया है। बैठक में रोगियों के लिए अन्य सुविधाएं मुहैया कराने की भी बात कही गई। अब देखना होगा कि एसडीएम के यह प्रयास कहां तक सफल होते हैं? क्योंकि गुरूवार को ही सत्तर लोगों के स्टाफ वाले इस अस्पताल में मात्र बीस के ही उपस्थिति रजिस्टर में हस्ताक्षर दर्ज थे। दिन के समय भी कई बार अस्पताल में डॉक्टर नहीं होते हैं। ऐसे में सबसे ज्यादा परेशान दूररदाज़ से आने वाले मरीज़ होते हैं।

पिछले काफी समय से शासकीय आंबेडकर अस्पताल  में बड़े पैमाने पर अव्यवस्थाओं की खबरें आ रहीं हैं। एसडीएम अभिलाष मिश्रा के कार्यकाल में अस्पताल का कायाकल्प हो गया था और काफी हद तक यहां की व्यवस्था भी ठीक हो चुकी थी लेकिन इसके बाद स्थितियां फिर बिगड़ने लगीं। ऐसे में अब एसडीएम अक्षत जैन ने इस अस्पताल को संवारने का बीड़ा उठाया है।

अस्पताल में अव्यवस्थाएं… इस अस्पताल में  डॉक्टरों एवं स्टाफ को सुबह नौ से शाम चार बजे तक उपस्थित रहना होता है। इसके बीच में डेढ़ से सवा दो बजे तक यानी करीब पैंतालीस मिनिट तक भोजन अवकाश होता है लेकिन लापरवाही और मानमानी के चलते  डॉक्टर बह दस बजे बाद आते हैं और दोपहर एक बजे वापस चले जाते हैं।

अस्पताल परिसर में डॉक्टर को शासकीय आवास दिए गए है लेकिन वे इंदौर से आना जाना करते है। यहां ऑपरेशन थियेटर दो बजे बाद बंद हो जाता है। इसके बादअगर किसी प्रसूता का ऑपरेशन करना होता है तो उसे सीधे इंदौर रैफर कर दिया जाता है। ऑपरेशन थियेटर में पदस्थ् नर्सों की राजनीतिक दबाव के चलते दो बजे बाद ड्यूटी नहीं लगाई जाती नाईट ड्यूटी तो आज तक नहीं लगाई गई।

सफाई व्यवस्था का हाल… अस्पताल की सफाई तो होती हैं लेकिन सिर्फ सादे पानी से, अस्पताल होने के बावजूद यहां फिनायल तक का उपयोग नहीं किया जाता जबकि यह ज़रूरी है।

 


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