इंदौर। शहर के भंवरकुआं क्षेत्र में मंगलवार को खासा हंगामा हुआ। यहां एक प्रकाशन केंंद्र पर हिन्दू संगठनों से जुड़े लोगों ने पहुंचकर हंगामा किया। इनका आरोप था कि यहां करीब डेढ़ सौ लोगों को अलग-अलग शहरों से धर्म परिवर्तन करवाने के लिये लाया गया है।
सीएसपी दीपेश अग्रवाल ने एक समाचार सेवा को बताया कि भंवरकुआं थाना क्षेत्र की घटना है। सत्या प्रकाशन नाम की एक संस्था पर यह हंगामा हुआ है। यहां पर धर्म परिवर्तन करवाए जाने जैसी सूचना मिली थी। मौके पर पहुंचकर जांच कर मामले की जांच की जा रही है। उन्होंने बताया कि शुरुआती पड़ताल में 80 से 100 लोग एक साथ मिले हैं। कार्यक्रम को लेकर इन्होंने पहले से कोई सूचना नहीं दी थी।
इस मामले में सत्या प्रकाशन संस्था के फादर जाेमोन ने बताया कि यह कम्यूनिकेशन सेंटर है जहां प्रार्थना की जाती है। यहां दो हॉल हैं। इनमें से एक को संस्था द्वारा सार्वजनिक कार्य के लिए दिया जाता है। ऐसे में उन्हें पूरी तरह पता नहीं है कि जो लोग यहां आए थे वे कौन थे और क्या कर रहे थे। उन्होंने बताया कि हमें जब पता चला कि कुछ दिक्कत हो रही है तब वे हम देखने आए थे। फादर जेमोन ने कहा कि धर्मांतरण से उनकी संस्था का कोई देना-देना नहीं है।
यह पहुंचे बजरंग दल के नेताओं ने बताया थाना के पास ही धर्मांतरण किया जा रहा था। जिसकी जानकारी उन्हें मिली थी और इसके बाद वे यहां आए थे। इन नेताओं ने बताया कि यहां इंदौर के अलावा नागदा, झाबुआ और देवास के गरीब लोगों को लाकर धर्म परिवर्तन करवाया जा रहा था।
यहां पहुंचे लोगों ने बताया कि उनकी मान्यता है कि यहां आकर प्रार्थना करने पर किसी भी तरह की परेशानी दूर हो जाती है और इसी के कारण वे यहां आए थे। एक समाचार सेवा को इन लोगों ने बताया कि
हमने जीवन का परिवर्तन किया है, धर्म परिवर्तन नहीं किया है। किसी को भी जबरन यहां नहीं लाया गया था। हमारे घर में बहुत सी समस्याएं थीं, जिसे परमात्मा ने दूर कर दिया। प्रार्थना में शामिल होने आए विकास का कहना था कि हम पर किसी प्रकार का कोई दबाव नहीं बनाया गया है। हम आंतरिक मन की शांति के लिए यहां आए हैं।
यहां जब हिन्दूवादी दल पहुंचे तो उन्होंने हंगामा शुरु किया। इसके बाद यहां मौजूद लोगों ने कहा कि यहां धर्म परिवर्तन नहीं करवाया जा रहा है। हालांकि हिन्दूवादी दलों के ये लोग नहीं मानें और उन्होंने कहा कि यहां हंगामा जारी रहा। आरोप है कि यहां तोड़फोड़ भी की गई। मामले में पुलिस-प्रशासन से उचित कार्रवाई किए जाने की मांग की है।