इंदौर: अभियान दीनबंधु के तहत पांच सौ भिक्षुकों, निराश्रितों तथा असहाय बुजुर्गों का स्वास्थ्य परीक्षण


– संभाग में भिक्षुकों, निराश्रितों तथा असहाय बुजुर्गों के लिये अभियान दीनबंधु का प्रभावी क्रियान्वयन।
– अस्वस्थ पाये जाने पर एक सौ भिक्षुकों, निराश्रितों तथा असहाय बुजुर्गों का किया गया नि:शुल्क उपचार।
– 36 भिक्षुकों, निराश्रितों तथा असहाय बुजुर्गों को स्वीकृत की गई पेंशन।


DeshGaon
इन्दौर Published On :
abhiyan-deenbandhu

इंदौर। इंदौर संभाग में भिक्षुकों, निराश्रितों तथा असहाय बुजुर्गों की सहायता एवं उनके कल्याण के लिये संभागायुक्त डॉ. पवन कुमार शर्मा के निर्देशन में अभियान दीनबंधु प्रारंभ किया गया है, जिसके अंतर्गत अलग-अलग कार्ययोजना बनाकर आवश्यकता के अनुसार उसका प्रभावी क्रियान्वयन किया जा रहा है।

संभाग में अभी तक लगभग पांच सौ भिक्षुकों, निराश्रितों तथा असहाय बुजुर्गों का स्वास्थ्य परीक्षण किया जा चुका है। इनमें से लगभग एक सौ भिक्षुकों, निराश्रितों तथा असहाय बुजुर्ग अस्वस्थ्य पाये गये, जिनका नि:शुल्क उपचार किया गया। साथ ही जीवनयापन में मदद के लिये 36 भिक्षुकों, निराश्रितों तथा असहाय बुजुर्गों को पेंशन स्वीकृत की गई है।

अभियान दीनबंधु के अंतर्गत संभाग के सभी जिलों में भिक्षुकों, निराश्रितों तथा असहाय बुजुर्गों का सर्वे किया जा रहा है, जिसके आधार पर उन्हें चिन्हित कर सूची बनाई गई है। यह कार्य तेजी से जारी है।

संभाग में अभी तक ऐसे 911 भिक्षुक चिन्हित किये जा चुके है, जिन्हें आवश्यकता के अनुसार मदद दी जा रही है। इनमें 428 महिला, 470 पुरूष और 13 बच्चे शामिल हैं। इन सबका स्वास्थ्य परीक्षण किया जा चुका है।

परीक्षण के दौरान लगभग सौ भिक्षुकों, निराश्रितों तथा असहाय बुजुर्गों को नि:शुल्क उपचार दिया गया। संभाग में 58 मानसिक रूप से अस्वस्थ्य पाये गये, इनका भी आवश्यकता के अनुसार उपचार किया जा रहा है।

संभाग में भिक्षुकों, निराश्रितों तथा असहाय बुजुर्गों के लिये आश्रय गृह, रैन बसेरा, वृद्धाश्रम, भिक्षुक गृह सहित अन्य शासकीय स्थान पर ठहराने की व्यवस्था की गई है। इस व्यवस्था से अभी तक 143 भिक्षुकों, निराश्रितों तथा असहाय बुजुर्गों को लाभान्वित किया गया है।

संभाग के इंदौर जिले में अभियान दीनबंधु के अंतर्गत अनुकरणीय एवं अनूठी पहल करते हुये कलेक्टर मनीष सिंह के निर्देशन में विशेष कार्ययोजना बनाकर उसका प्रभावी क्रियान्वयन किया जा रहा है। इस कार्ययोजना के अनुसार, जिले में एनजीओ और सामाजिक तथा अन्य संगठनों के सहयोग से भिक्षुकों, निराश्रितों तथा असहाय बुजुर्गों को स्थानीय पंजाब अरोड़ वंशीय धर्मशाला में लाकर उनकी आवश्यकता के अनुसार मदद मुहैया कराई जा रही है।

यहां पर भिक्षुकों, निराश्रितों तथा असहाय बुजुर्गों को लाकर नहलाया जा रहा है, उन्हें करीने से सजाया और संवारा जा रहा है, उन्हें स्वच्छ कपड़े पहनाये जा रहे हैं। उनके ठहरने तथा भोजन की व्यवस्था की गई है। सभी भिक्षुकों, निराश्रितों तथा असहाय बुजुर्गों का स्वास्थ्य परीक्षण किया जा रहा है। इस कार्य में अरविंदो अस्पताल द्वारा विशेष मदद दी जा रही है। स्वास्थ्य परीक्षण उपरांत जरूरत के हिसाब से मरीजों का उपचार किया जा रहा है।

आवश्यकता पड़ने पर उन्हें अरविंदो अस्पताल में भर्ती कराया जा रहा है। इस अस्पताल में एक अलग वार्ड ही ऐसे मरीजों के लिये आरक्षित कर दिया गया है। कलेक्टर मनीष सिंह के निर्देशन में अन्य अस्पतालों ने भी अपने यहां ऐसे मरीजों को भर्ती करने के लिये बेड आरक्षित रखे हैं।

पैथोलॉजी संस्थानों ने भी भिक्षुकों, निराश्रितों तथा असहाय बुजुर्गों की जांच के लिये पूरा सहयोग देने का संकल्प लिया है। जिले में भिक्षुकों, निराश्रितों तथा असहाय बुजुर्गों को पंजाब अरोड़ वंशीय धर्मशाला तक लाने तथा अस्पताल पहुंचाने के लिये एनजीओ को एम्बुलेंस एवं एक-एक वाहन उपलब्ध कराये गये हैं।

स्वास्थ्य परीक्षण के लिये अरविंदों अस्पताल ने अपनी टीम जिसमें चिकित्सक एवं पेरा मेडिकल स्टॉफ है, उपलब्ध कराई है। कलेक्टर मनीष सिंह ने बताया कि इंदौर जिले को भिक्षुक मुक्त बनाने के लिये सभी संभव प्रयास किये जा रहे है।

असहाय तथा निराश्रित बुजुर्गों को हर संभव सहायता उपलब्ध कराने की पहल की जा रही है। जिले में ऐसे बुजुर्ग जो राशन लेने उचित मूल्य दुकान तक नहीं जा पाते है, उन्हें घर तक राशन पहुंचाने की व्यवस्था प्रारंभ की गई है।


Related





Exit mobile version