सांप्रदायिक शोर की प्रतियोगिता! अज़ान के मुकाबले अब मंदिरों में होगी पांच वक़्त हनुमान चालीसा और रामधुन


मामले में हिंदू संगठनों का कहना है कि जब मस्जिदों से लाउडस्पीकर पर अजान पढ़ी जाएगी, उसी समय हम हनुमान चालीसा और रामधुन का पाठ करेंगे। इस दौरान 3 बार रामधुन और 2 बार हनुमान चालीसा का पाठ होगा।


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इन्दौर Published On :

इंदौर। देश के हर कोने में फैल रहा सांप्रदायिक बैर अब इंदौर में भी देखने को मिल रहा है। यहां मस्जिदों पर लगे लाउडस्पीकर और उससे होने वाली पांच वक्त की अज़ान के सामने अब लाउडस्पीकर से ही हनुमान चालीसा का पाठ किया जाएगा। यह काम शनिवार से ही कर दी गई। रविवार को चंद्रभागा के खेड़ापति हनुमान मंदिर से यह शुरु किया गया है। इसके साथ ही अन्य हिंदूवादी संगठनों ने जल्दी ही इस मुहिम से जुड़कर दूसरे मंदिरों में ही लागू करने की बात कही है।

 मामले में हिंदू संगठनों का कहना है कि जब मस्जिदों से लाउडस्पीकर पर अजान पढ़ी जाएगी, उसी समय हम हनुमान चालीसा और रामधुन का पाठ करेंगे। इस दौरान 3 बार रामधुन और 2 बार हनुमान चालीसा का पाठ होगा। शोर की यह प्रतियोगिता अब इस हद तक बढ़ चुकी है कि लोगों ने निर्णय लिया है कि जहां लाउड स्पीकर नहीं लगे हुए हैं उन मंदिरों में भी जन सहयोग से लाउड स्पीकर लगाकर यह किया जाएगा।

धर्म पर हो रही इस हठ के बाद वे आम लोग परेशान हैं जो  शोर-गुल से दूर रहना चाहते हैं। शहर के पिपल्याहाना इलाके में रहने वाले एक परिवार ने बताया कि उनके घर में एक बुजुर्ग काफी समय से बीमार हैं। शहर के शोर से भी उन्हें दिक्कत होती है और धार्मिक आयोजनों में तो परेशानी और भी बढ़ जाती है फिर चाहे वह शोर अज़ान का हो या हनुमान चालीसा का, और जब इस प्रतियोगिता पूर्ण शोर होगा तो उन्हें भी परेशानी होनी है।

हालांकि इंदौर में लाउडस्पीकरों से अज़ान का विरोध काफी समय से किया जा रहा है। इस बारे में कई बार आवेदन दिए गए, अपीलें भी की गईं और अब देशभर में चल रहे सांप्रदायिक माहौल के बीच इंदौर के हिन्दू संगठनों ने भी लाउडस्पीकर पर हनुमान चालीसा और रामधुन बजाने का काम किया जा रहा है। हयोग से लगवाए जाएंगे।

 



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