इंदौर। जिले की महू तहसील के भीड़ भरे बाजार में स्थित एक मकान की दूसरी-तीसरी मंजिल पर आग लग गई। इस इमारत के नीचे एक मोबाइल और एसेसरीज़ की दुकान है और बताया जाता है कि जिस जगह आग लगी वहां भी इसी तरह का प्लास्टिक का सामान रखा हुआ था। यह दुकान महू के बेहद संकरी भरे मेन स्ट्रीट इलाके में है।
आग को सबसे पहले रास्ते से निकलने वाले राहगीरों ने देखा और शोर मचाना शुरु किया। इसे सुनकर आसपास की इमारतों के लोग भी बाहर निकलने लगे और दमकल को फोन किया। इस दौरान चार दमकल वाहन वाहनों का इस्तेमाल हुआ।
बताया जा रहा है मकान के ग्राउंड फ्लोर पर मोबाइल दुकान संचालित की जाती है। आग की जानकारी दुकान संचालक को भी नहीं थी। छावनी परिषद के स्वास्थ्य अधीक्षक मनीष अग्रवाल के मुताबिक आग पर करीब घंटे भर में काबू पा लिया गया था।
कुछ वर्ष पहले इसी इलाके के नज़दीक सांघी स्ट्रीट एक दुकान में आग लगी थी। यह आग पेंट और हार्डवेयर की दुकान में लगी थी। इस घटना में आग की चपेट में आने से ताहेर पिता मुर्तुजा सैफी (12) व उसके पिता की बुआ सलमा बी की मौके पर ही मौत हो गई थी और काईद जौहर सैफी (50) व मुर्तुजा सैफी गंभीर घायल हुए थे। काईद घटना के दौरान निकलने की जगह नहीं मिलने से नीचे कूद गए थे।
महू शहर अंग्रेज़ों के ज़माने से ही संकरा बसा है और तब से अब तक यहां किसी तरह का चौड़ीकरण नहीं हुआ है बल्कि लगातार अतिक्रमण के कारण यहां की गलियां संकरी होती गईं हैं। जिससे आग लगने जैसी परेशानियां लगातार बढ़ी हैं।