इंदौर। इंदौर में बुजुर्ग भिक्षुकों के साथ हुए दुर्व्यवहार पर मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने नाराजगी जाहिर की और जिला प्रशासन को दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने के निर्देश दिए।
मुख्यमंत्री के निर्देश के बाद नगर निगम के उपायुक्त प्रताप सोलंकी को निलंबित कर दिया गया है। वहीं, नगर निगम के दो कर्मियों को सेवा से बर्खास्त कर दिया गया है।
बता दें कि नगर निगम कर्मियों द्वारा कमजोर बुजुर्गों को एक गाड़ी में भरकर इंदौर-देवास हाइवे पर छोड़ने का वीडियो शुक्रवार को वायरल होने से हड़कंप मच गया।
आज इंदौर में नगर निगम कर्मचारियों द्वारा वृद्धजनों के साथ अमानवीय व्यवहार के संबंध में मुझे जानकारी मिली।
इस मामले में जिम्मेदार नगर निगम उपायुक्त सहित दो कर्मचारियों को तत्काल प्रभाव से निलंबित करने और कलेक्टर इंदौर को बुजुर्गों की समुचित देखभाल करने का निर्देश दिया है।
— Shivraj Singh Chouhan (मोदी का परिवार ) (@ChouhanShivraj) January 29, 2021
वायरल हो रहे वीडियो में निगम के कुछ कर्मचारी बुजुर्ग कमजोर महिला और पुरुष बुजुर्ग को गाड़ी से उतारते और फिर बैठाते हुए दिख रहे हैं। गाड़ी में कुछ और बुजुर्ग व उनका सामान नजर आ रहा है।
जानकारी के मुताबिक, इंदौर में कड़ाके की ठंड को देखते हुए भिक्षुकों को रैन बसेरा में ले जाने के निर्देश दिए गए थे। इस दौरान उनसे दुर्व्यवहार की घटना सामने आई। इस कार्य की निगरानी की जिम्मेदारी नगर निगम के उपायुक्त प्रताप सोलंकी को दी गई थी।
उपायुक्त सोलंकी द्वारा कार्य में लापरवाही बरती गई और इस लापरवाही पर उन्हें तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया गया है। साथ ही उन्हें इंदौर से बाहर पदस्थ करने के निर्देश दिए गए हैं।
दूसरी तरफ, इंदौर नगर निगम द्वारा स्पष्ट किया गया है कि प्रतिवर्ष की भांति भिक्षुकों को रैन बसेरा ले जाने को कहा गया था। भविष्य में ऐसी घटना न हो, इसके लिए व्यवस्था की जा रही है।
देखिये बुजुर्गों से दुर्व्यवहार का वीडियो –
भिक्षुकों से दुर्व्यवहार का वीडियो वायरल होने के बाद इंदौर नगर निगम कमिश्नर प्रतिभा पाल ने मामले की पूरी जानकारी जुटाई और रैन बसेरा के मस्टरकर्मी ब्रजेश लश्करी और विश्वास वाजपेयी की तुरंत प्रभाव से सेवा समाप्त कर दी गई। निगम कमिश्नर ने साफ किया है कि मामला संवेदनशील है और इसकी जांच में जहां भी लापरवाही पाई जाएगी, वहां जवाबदार कार्यवाही की जद में आएंगे।
ठंड के मद्देनजर हर साल की तरह लोगों को रैनबसेरों में शिफ्ट किया जा रहा था। मिसहैंडलिंग की जो घटना हुई है, वह गलत है। दो कर्मियों को सेवा से बर्खास्त किया गया है और रैनबसेरों का सुपरविजन करने वाले उपायुक्त को सस्पेंड किया गया है। – प्रतिभा पाल, निगमायुक्त
क्षिप्रा के पास वीडियो बनाने वाले दुकानदार राजेश जोशी ने बताया कि शुक्रवार दोपहर जब उन्होंने निगमकर्मियों को 8-10 बुजुर्गों को उतारते हुए देखा तो उन्होंने कर्मचारियों से सवाल किया कि यहां क्यों उतार रहे हो।
जवाब में कर्मचारी बोले कि सरकार का आदेश है। ये हमें इंदौर में परेशान कर रहे हैं। फिर वो बुजुर्गों को छोड़कर जाने लगे और दोबारा लौटकर आए। लोगों के विरोध के कारण उन्होंने बुजुर्गों को फिर गाड़ी में बैठाया। बुजुर्गों की हालत बहुत खराब थी और उनमें दो महिलाएं भी थीं।
कलेक्टर श्री मनीष सिंह ने बताया है कि आज संज्ञान में आई घटना के बाद भिक्षुकों को रैन बसेरा में शिफ़्ट कर दिया गया है। @CMMadhyaPradesh pic.twitter.com/TB92kRFzOJ
— Collector Indore (@IndoreCollector) January 29, 2021
परंपरा यही है कि सड़क या फुटपाथ पर रहने वाले बुजुर्गों को रैन बसेरों में भिजवाया जाता है। किसी से ऐसी उम्मीद नहीं की जा सकती कि कोई ऐसी गलती करे। जब लोगों ने बुजुर्गों को सड़क पर छोड़ने का विरोध किया, तो कर्मियों ने उन्हें स्टार चौराहा स्थित रैन बसेरा में शिफ्ट किया है। – मनीष सिंह, कलेक्टर