चौराहे पर शव रखकर किया प्रदर्शन, महिला कार चालक ने मारी थी टक्कर


महू में हुए हादसे पर आक्रोषित लोग, महिला चालक ने टक्कर मारी थी एक की मौत


DeshGaon
इन्दौर Updated On :
मृतक राज वर्मा


इंदौर। लापरवाह वाहन चालक और यातायात को लेकर बेपहरवाह ज़िम्मेदारों के चलते एक निर्दोष नागरिक की जान चली गई। महू शहर में यह हादसा कुछ दिनों पहले हुआ था। जिसमें घायल राजा वर्मा की रविवार को मौत हो गई। इसके बाद परिजनों ने हादसे वाले क्षेत्र में ही शव रखकर अपना विरोध जताया और टक्कर मारने वाले लापरवाह वाहन चालक के खिलाफ़ प्रकरण दर्ज करने की मांग की।

छह दिन पूर्व मंगलवार को स्थानीय ड्रीमलैंड चौराहे पर एक महिला कार चालक ने 5 लोगों को टक्कर मार दी थी। महिला ने सबसे पहले साईकिल चला रहे एक नाबालिग लड़के को टक साइकिल चला रहे को टक्कर मारी टक्कर इतनी जोरदार थी कि बच्चा हवा में उछलकर कार के बोनट पर आ गिरा। इसके बाद महिला ने कार की रफ्तार और तेज कर दी तथा तीन अन्य लोगों को टक्कर मारी। जिसमें सभी तीन लोग गंभीर रूप से घायल हो गए थे।

इसके बाद महिला वंदना पति आशुतोष ने भागने का प्रयास किया सामने खड़ी एक कार के कारण उसे रूकना पड़ा वहां मौजूद पुलिस जवान महिला को अपने साथ थाने ले गए और प्रकरण दर्ज कर उसे छोड़ दिया। बताया जाता है कि महिला किसी सैन्य अधिकारी के परिवार से हैं और इसलिए भी पुलिस ने ठोस कार्रवाई नहीं की। उसे अपने साथ ले गए जिसके खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की। गई यहीं घटना कोई आम नागरिक करता तो उसके खिलाफ सदर थाने में बंद कर दिया जाता।

इस घटना में घायल राज मोहल्ला निवासी राज वर्मा की रविवार की सुबह उपचार के दौरान मौत हो गई। इस घटना से गुस्साए वर्मा के परिवार व समाज जनों ने शाम छह बजे ड्रीमलैंड चौराहा घटना हुई थी, वहां शव रखकर चक्काजाम करने का प्रयास किया तथा आरोपी महिला को गिरफ्तार करने की मांग की सूचना मिलते ही पुलिस अधिकारी तत्काल मौके पर पहुंच गए तथा आश्वासन दिया कि महिला को गिरफ्तार कर लिया जाएगा।

इस घटना ने एक बार फिर पुलिस की लाचारी सामने खड़ी कर दी क्योंकि यातायात विभाग द्वारा यहां से एक खानापूर्ति की जाती थी। कोई कड़ी कार्रवाई आज तक नहीं की न ही कोई अभियान चलाया गया।

इसकी सजा वर्मा परिवार को भुगतने पड़ी उल्लेखनीय है कि इस क्षेत्र में यातायात का काफी दबाव रहता है यात्री चौकी होने के बावजूद व्यवस्था गड़बड़ ही रहती है।

यहां शाम छह बजे बाद जवान अपनी ड्यूटी पूरी कर घर चले जाते हैं फिर यह क्षेत्र भगवान भरोसे हो जाता है, यही कारण है कि क्षेत्र में पूर्व में भी ऐसी ही दो-तीन घटनाएं हो चुकी हैं लेकिन पुलिस से मात्र दो-तीन दिन खानापूर्ति कर कार्रवाई करती है।


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