इंदौर/धार। कोरोना महमारी के दौरान बंद पड़े इंदौर-दाहोद रेललाइन का काम फिर शुरू होगा। काम को गति देने के लिए रेलवे बोर्ड ने हरी झंडी दे दी है। बोर्ड के पास इस परियोजना के लिए फिलहाल 175 करोड़ रुपये का बजट है।
इस परियोजना के आकार लेने के बाद गुजरात से कनेक्टिविटी बेहतर होगी। रेलवे अधिकारियों के अनुसार सबसे पहले पीथमपुर-टिही के बीच तीन किलोमीटर की टनल का काम शुरू किया जाएगा।
दूसरे कामों के टेंडर जल्द ही निकाले जाएंगे। इंदौर-दाहोद रेल परियोजना की मंजूरी साल 2008 में हुई थी। 204.76 किलोमीटर लंबे इस प्रोजेक्ट में 22 स्टेशन बनना है। इस परियोजना के तहत अब तक दाहोद से कठवारा और इंदौर से टिही रेललाइन बन कर तैयार हो चुकी है।
काम की गति धीमी होने से यह प्रोजेक्ट 1640 करोड़ से बढ़कर 2000 करोड़ तक पहुंच गया। अब तक इस परियोजना पर 847 करोड़ रुपये खर्च हो चुके हैं जिसमें इंदौर से टिही तक का 21 किलोमीटर के रेललाइन का काम पूरा हो चुका है।
रेलवे अधिकारियों के अनुसार पीथमपुर-टिही के बीच तीन किलोमीटर टनल का काम रुका हुआ है जिसे फिर से शुरू किया जाएगा। दूसरे कामों के लिए जल्द ही टेंडर जारी किया जाएगा।
रेलवे बोर्ड ने दी मंजूरी –
कोरोना काल में परियोजना का काम बंद हो गया था। गुरुवार को बोर्ड ने इस परियोजना के कामों को शुरू किए जाने की मंजूरी दे दी है। इस परियोजना को गति देने के लिए सांसद छतरसिंह दरबार, शंकर लालवानी, गजेंद्र पटेल ने पिछले दिनों प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव से मुलाकात भी की थी।
इस परियोजना के पूरा होने पर प्रदेश की गुजरात से कनेक्टिविटी बेहतर होगी। सांसदों ने आने वाले समय में आवश्यक बजट बढ़ाने के लिए प्रावधान करने का आग्रह किया है।
प्रोजेक्ट एक नजर में –
इंदौर-दाहोद लाइन प्रोजेक्ट 2008 में शुरू हुआ था। अब तक प्रोजेक्ट में सैकड़ों करोड़ रुपये स्वीकृत हो चुके हैं। फिलहाल दाहोद से कठवारा और इंदौर से टिही तक रेललाइन बनकर तैयार हो चुकी है।
कुल 204.76 किलोमीटर के इस प्रोजेक्ट में 22 स्टेशन हैं जिसमें मुख्य रूप से पीथमपुर, सागौर, गुनावद, धार, तिरला, अमझेरा, सरदारपुर, राजगढ़, धानपुर, उमरकोट, अंबलवानी, फतेहपुरा, झाबुआ, पिलोट व कठवारा आदि शामिल हैं।