कलेक्टर मनीष सिंह की फटकार के बाद बीमार हुए सीएमएचओ डॉ. प्रवीण जड़िया लौटे काम पर


काम में लापरवाही के मुद्दों को लेकर कलेक्टर मनीष सिंह के गुस्से का शिकार कई अधिकारी कर्मचारी होते रहे हैं। पिछले दिनों उन्होंने महू के बीएमओ डॉ. संजय जैन को भी मौखिक आदेश पर ही निलंबित कर दिया था।


DeshGaon
इन्दौर Updated On :

इंदौर। कलेक्टर मनीष सिंह के गुस्से का शिकार कई अधिकारी अब तक हो चुके हैं। इनमें एक नाम सीएमएचओ डॉ. प्रवीण जड़िया का भी था। जिन्हें  8 दिसम्बर 2020 को इंदौर के कलेक्टर कार्यालय में हुई समीक्षा बैठक के दौरान कलेक्टर मनीष सिंह ने काफ़ी फटकार लगाई थी।

इस दौरान डॉ. जड़िया आंखों में आंसू लिये कलेक्टर कार्यालय से बाहर निकले थे। कुछ देर बाद उनकी तबीयत भी अचानक बिगड़ गई और वे अस्पताल में भर्ती हो गए थे। इसके बाद उनके काम का प्रभार डॉ. पूर्णिमा गाडरिया को सौंपा गया था।

अब करीब दो माह के बाद मंगलवार को फिर मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी इंदौर के रुप में  डॉ. प्रवीण जड़िया ने अपना पदभार संभाल लिया है।

दरअसल, कोरोना काल में कड़ी मेहनत के बावजूद काम में लापरवाही को लेकर कलेक्टर से लगी फटकार के बाद डॉ. जड़िया इस बार कोई कोर-कसर नही छोड़ना चाहते हैं। मंगलवार को वे दफ्तर पहुंचे और उन्होंने सबसे पहले भगवान गणेश की पूजा की।

दोबारा चार्ज लेने के बाद डॉ. जड़िया ने कहा कि अब वह पूरी तरह से स्वस्थ हैं और उनकी पहली प्राथमिकता लंबित प्रकरणों के निदान की होगी। वहीं कोरोना के अलावा मौसमी बीमारियों के इलाज और सरकारी अस्पतालों में समुचित दवाइयों का प्रबंध करना भी ज़रूरी कामों में शामिल होगा।

हालांकि यह भी सच ही है कि कोरोना काल के दौरान डॉ. प्रवीण जड़िया ने अपने साथी डॉक्टरों की टीम के साथ सभी अन्य स्वास्थ्य अधिकारियों की ही तरह काफी काम किया था। प्रदेश के सबसे संक्रमित जिले में पदस्थ डॉ. जड़िया तब कई दिनों तक अपने घर नहीं जा सके थे। उस समये उनके काम की सराहना भी हुई थी।

उन्होंने कहा कि सीएम हेल्पलाइन में लंबित प्रकरणों का जल्द से जल्द निराकरण करने के साथ ही सरकारी योजनाओं का लाभ निम्न वर्ग को मिल सके इसके लिए वे लगातार काम करेंगे। हालांकि डॉ. प्रवीण जड़िया की चुनौतियां भी कम नहीं क्योंकि इस बार उनके काम पर फिर बड़े अधिकारियों की नज़र होगी।

उल्लेखनीय है कि काम में लापरवाही के मुद्दों को लेकर कलेक्टर मनीष सिंह के गुस्से का शिकार कई अधिकारी कर्मचारी होते रहे हैं। पिछले दिनों उन्होंने महू के बीएमओ डॉ. संजय जैन को भी मौखिक आदेश पर ही निलंबित कर दिया था। इसी तरह सोमवार को हुई टीएल बैठक में भी दो अधिकारियों पर कलेक्टर ने विभागीय जांच शुरु करवाई है।


Related





Exit mobile version