आंबेडकर जन्मस्थली स्मारक समिति के ख़िलाफ़ आंदोलन की तैयारी, महाराष्ट्र से सर्मथन जुटाने की कोशिश


वाकोड़े ने बताया कि नई बनाई गई स्मारक समिति पूरी तरह अवैधानिक है और इसमें किसी भी तरह से नियमों का पालन नहीं किया जा रहा है। 


अरूण सोलंकी अरूण सोलंकी
इन्दौर Published On :
आंबेडकर जन्मस्थली स्मारक, महू


इंदौर। डॉ. आंबेडकर की जन्मस्थली पर बने स्मारक की समिति को लेकर विवाद लगातार बढ़ता जा रहा है। स्मारक पर अवैध कब्जे का आरोप लगाया जा रहा है। पिछले दिनों यहां चुनाव कराए गए जिसमें इंदौर के रहने वाले राजेश वानखेड़े गुट ने जीत हांसिल की है। हालांकि समिति के पूर्व सचिव मोहन राव वाकोड़े और उनके साथियों ने इस चुनाव प्रक्रिया का विरोध किया और इसमें हिस्सा नहीं लिया था। उनका विरोध समिति के बाहरी सदस्यों को लेकर था। इसे लेकर  वाकोड़े और उनके साथियों ने सामाजिक कार्यकर्ता मेधा पाटकर से भी की।

वाकोड़े ने बताया कि नई बनाई गई स्मारक समिति पूरी तरह अवैधानिक है और इसमें किसी भी तरह से नियमों का पालन नहीं किया जा रहा है।  उन्होंने बताया कि  महू में जन्मभूमि स्थल को बचाने के लिए बड़े आंदोलन की तैयारी की जा रही है। इसे लेकर विभिन्न राजनीतिक और सामाजिक संगठनों की ओर से मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान और शासन को विरोध पत्र भेजे गए हैं।  पत्र भेजने वालों में पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ भी शामिल हैं।

वाकोड़े ने सामाजिक कार्यकर्ता मेधा पाटकर से मिलकर स्मारक समिति में चल रहीं अवैध गतिविधियों के बारे में जानकारी दी और उनसे सहयोग की अपील की।  पाटकर ने इस बारे में जानकारी लेने के बाद कहा कि वे महाराष्ट्र सरकार के मंत्रियों से आग्रह करेंगी कि वे अंबेडकर विचार के खिलाफ और दलित आंदोलन में घुसपैठियोंं को बाहर करने के लिए अभियान चलाएं।

किसान संघर्ष समिति सोशलिस्ट पार्टी इंडिया मध्य प्रदेश समाजवादी समागम लोहिया विचार मंच और अंबेडकर विचार मंच की ओर से पूर्व विधायक डॉ सुनीलम रामस्वरूप मंत्री रामबाबू अग्रवाल दिनेश सिंह कुशवाहा पूर्व सांसद कल्याण जेएन आदि ने मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को लिखे पत्र में कहा है कि यह विडम्‍बना है कि जिन डॉ. बाबा साहेब अम्‍बेडकर ने संविधान का निर्माण कर नियमानुसार काम करने की व्‍यवस्‍था स्‍थ‍ापित की, उन्‍हीं की स्‍मृति में गठित स्‍मारक को अवैधानिक रूप से संचालित करने की कोशिश की जा रही है । आप इस बात पर भी गौर करें कि डॉ. अम्‍बेडकर जन्‍म भूमि स्‍मारक महू शासन द्वारा वित्‍त पोषित संस्‍था है।

जिस पर सोसायटी रजिस्‍ट़ीकरण अधिनियम के प्रावधान लागू होते हैं। सोसायटी में अब तक 22 सदस्‍य होते रहे हैं और इन्‍हीं सदस्‍यों में से ही अध्‍यक्ष, उपाध्‍यक्ष और कार्यकारिणी का गठन होता रहा है। स्‍मारक की सोसायटी गठित थी और विधिपूर्वक काम कर रही थी। सोसायटी के अध्‍यक्ष के असामयिक निधन के बाद कतिपय लोगों ने निजी स्‍वार्थ के चलते अनियमितताएँ शुरू कर दीं। इन लोगों ने सोसायटी के 12-13 नये सदस्‍य बनाकर चुनाव की घोषणा भी कर दी। अवैधानिक रूप से बनाये गये सदस्‍यों के खिलाफ पंजीयक फर्म्‍स एंड सोसायटीज को शिकायत की गई।

पंजीयक ने समिति में बनाये गये नये सदस्‍यों को अवैधानिक माना और उनकी सदस्‍यता को निरस्‍त कर दिया । जिसकी अपील में पंजीयक आदेश को अवैधानिक रूप से निरस्‍त करते हुये नये सदस्‍यों की सदस्‍यता को पुन: बहाल कर दिया गया और समिति के चुनाव करा लिये गये एवं स्‍मारक का प्रभार ले लिया गया जबकि यह पूरा मामला माननीय उच्‍च न्‍यायालय में विचाराधीन है।

जन्मभूमि स्मारक पर अवैध कब्जे की इस कोशिश के खिलाफ जहां मध्य प्रदेश उच्च न्यायालय में याचिका दायर की गई है । वही देशभर के अंबेडकर अनुयायियों को एकत्रित कर महू में एक बड़ा जन आंदोलन रहे की तैयारी की जा रही है इसके लिए 13 अप्रैल तक सतत आंदोलन चलाने के लिए प्रशासन से अनुमति मांगी गई है । अनुमति मिलते ही महू में यह सतत आंदोलन शुरू होगा। जिसमें देश भर के अंबेडकर अनुयाई और दलित आंदोलन से जुड़े नेताओं के साथ समाजवादी और अंबेडकरवादी राजनीतिक दलों के नेता और कार्यकर्ता भी शिरकत करेंगे।



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