बारहवें दिन भी जारी विरोध: इंदौर कृषि कॉलेज में छात्रों ने निकाली डीन की ‘शव यात्रा’


इंदौर कृषि महाविद्यालय के छात्रों ने डीन डॉ. भरत सिंह के खिलाफ 12 दिन से जारी धरने में ‘शव यात्रा’ निकाली। यौन उत्पीड़न के आरोप और प्रशासन की चुप्पी के खिलाफ छात्रों ने ताबूत लेकर किया प्रदर्शन।


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इन्दौर Updated On :

कृषि महाविद्यालय, इंदौर के छात्रों ने डीन डॉ. भरत सिंह के खिलाफ 12 दिनों से जारी धरने के दौरान बुधवार को एक चौंकाने वाला प्रतीकात्मक कदम उठाया। छात्रों ने डीन की “शव यात्रा” निकालकर उन पर छात्र हितों की अनदेखी, महिला प्रोफेसर व छात्राओं के प्रति दुर्व्यवहार के गंभीर आरोप लगाए, साथ ही विश्वविद्यालय प्रशासन की चुप्पी को कोसा। यह प्रदर्शन तब और उग्र हो गया, जब छात्रों को पुलिस में दर्ज एफआईआर और कृषि मंत्री द्वारा जांच के आदेशों के बावजूद डीन के पद पर बने रहने से आक्रोश फूट पड़ा। छात्रों ने स्पष्ट किया कि जब तक डीन को हटाकर उनकी मांगें नहीं मानी जातीं, आंदोलन जारी रहेगा।

नारों और ताबूत से उठाया विरोध

छात्रों ने काले कपड़े पहनकर परिसर में ‘राम नाम सत्य है’ और ‘भरत सिंह मस्त है’ के नारे लगाए। उन्होंने एक ताबूतनुमा ढांचा लेकर शव यात्रा निकाली और डीन के इस्तीफे की मांग को दोहराया। छात्र नेता प्रियंका शर्मा ने बताया, “डीन पर महिला प्रोफेसर के यौन उत्पीड़न की शिकायत है, लेकिन प्रशासन चुप है। जब तक वे हटाए नहीं जाते, हम आंदोलन जारी रखेंगे।”

FIR और प्रशासन की चुप्पी बनी आक्रोश

छात्रों के अनुसार, तिलक नगर थाने में महिला प्रोफेसर की शिकायत पर डीन के खिलाफ FIR दर्ज होने के बाद भी विश्वविद्यालय प्रशासन ने कोई कार्रवाई नहीं की। इसके अलावा, डीन पर छात्र नेताओं को प्रताड़ित करने और पद का दुरुपयोग करने के भी आरोप लगे हैं। कृषि मंत्री द्वारा जांच के आदेश दिए गए हैं, लेकिन छात्रों का दावा है कि जांच के दौरान भी डीन ने विरोध करने वालों को निशाना बनाया।

कुलपति की निष्क्रियता पर सवाल

छात्रों ने कुलपति प्रो. अरविंद शुक्ला पर भी आरोप लगाया कि उन्होंने अब तक इस मामले में हस्तक्षेप नहीं किया। धरना प्रदर्शन में शामिल एक छात्र ने कहा, “12 दिन से हम धरने पर हैं, लेकिन न प्रशासन ने बातचीत की न कोई आश्वासन दिया। यह चुप्पी हमारे प्रति उनकी उदासीनता दिखाती है।

यह विवाद तब गहराया जब महाविद्यालय की एक महिला प्रोफेसर ने डीन पर यौन उत्पीड़न का आरोप लगाते हुए पुलिस में शिकायत दर्ज की। इसके बाद छात्रों ने डीन के इस्तीफे और प्रभावित छात्रों के खिलाफ कार्रवाई रोकने की मांग को लेकर आंदोलन शुरू किया। हालांकि, अब तक प्रशासन की ओर से कोई आधिकारिक बयान नहीं आया है।

 

आगे की रणनीति:

छात्रों ने चेतावनी दी है कि यदि 48 घंटे के भीतर उनकी मांगें नहीं मानी गईं, तो वे आंदोलन को राज्यस्तर तक ले जाएंगे। साथ ही, वे कृषि मंत्री को ज्ञापन सौंपने और प्रदर्शनों का दायरा बढ़ाने की योजना बना रहे हैं।


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