कोरोना के नियम न मानने वालों को होगी मुश्किल, इंदौर प्रशासन ने बनाई है ये नई जेल


कलेक्टर  मनीष सिंह ने इंदौर में कोरोना महामारी से बचाव हेतु जारी गाईड-लाईन का पालन नहीं करने वालों और जन स्वास्थ्य के साथ खिलवाड़ करने वालों पर सख्त कार्रवाई करने के निर्देश दिये हैं।


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इन्दौर Published On :

इंदौर। कोरोना संक्रमण से बचाव के लिए जारी दिशा-निर्देशों का पालन अब हर हाल में करना होगा क्योंकि ऐसा नहीं करने पर अब प्रशासन सज़ा देगा। इसे लेकर तैयारियां पूरी कर ली गई हैं। इसके तहत जिला प्रशासन ने एक खुली जेल बनाई है।

कलेक्टर  मनीष सिंह ने इंदौर में कोरोना महामारी से बचाव हेतु जारी गाईड-लाईन का पालन नहीं करने वालों और जन स्वास्थ्य के साथ खिलवाड़ करने वालों पर सख्त कार्रवाई करने के निर्देश दिये हैं। अब ऐसे लोगों को गिरफ्तार कर अस्थाई रूप से कुछ घंटों के लिए जेल में बंद करने के लिये कहा गया है। इसके लिए आदेश जारी करते हुए कलेक्टर ने स्नेहलतागंज स्थित गुजराती अतिथि गृह को आगामी 60 दिनों तक अस्थायी कारागार घोषित किया है।

कलेक्टर द्वारा जारी  इस आदेश में कहा गया है कि एपिडेमिक डिसीज एक्ट 1897 के तारतम्य में जारी लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग मध्यप्रदेश शासन के निर्देशों एवं कारागार अधिनियम 1894 की धारा 07 के अनुपालन में कोरोना महामारी से बचने के लिए  लॉकडाउन/कर्फ्यू का सख्त पालन होना आवश्यक है।

आदेश कहता है… 

शहर में प्रायः देखने में आ रहा है कि कुछ लोग रात्रि लॉकडाउन/कर्फ्यू एवं कोरोना महामारी से बचाव हेतु जारी गाईड-लाईन का पालन नहीं कर रहे हैं, इसलिए ऐसे लोगों पर धारा 188 भादवि तथा द.प्र.स. 1973 की धारा 107, 116 एवं 151 के तहत कार्यवाही कर गिरफ्तार किया जाना आवश्यक है।

इन्दौर शहर में स्थित केन्द्रीय एवं जिला जेल में अति-संकुलता एवं कोरोना महामारी के संक्रमण के फैलाव की संभावना को दृष्टिगत रखते हुए उक्त कार्यवाही के तहत गिरफ्तार किये गये लोगों एवं न्यायालयों के आदेशों के पालन में केन्द्रीय एवं जिला जेल इन्दौर में प्रविष्ट होने वाले बंदियों को के लिये पहले सांवेर रोड पर श्री वैष्णव विद्यापीठ विश्वविद्यालय को आगामी 60 दिवस तक अस्थायी कारागार घोषित किया गया था लेकिन अब इस आदेश को निरस्त कर दिया गया है।  इसे लेकर जेल अधीक्षक, केन्द्रीय जेल इन्दौर को निर्देशित किया गया है कि अस्थायी कारागार में आने  वाले बंदियों का मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी से बात करके उनका स्वास्थ्य परीक्षण कराएं।


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