संकट काल में सुधरीं ख़स्ताहाल स्वास्थ्य सुविधाएं, जिले की सबसे संक्रमित तहसील में अब सबसे बेहतर इलाज


महू के एसडीएम आईएएस अधिकारी अभिलाष मिश्रा ने यहां स्वास्थ्य सुविधाओं को सुधारने का ज़िम्मा संभाला और एक साल में यहां के सरकारी अस्पताल की सूरत बदल गई।


अरूण सोलंकी
इन्दौर Updated On :

इंदौर। कोरोना संक्रमण ने देश की स्वास्थ्य सुविधाओं की असलियत सामने ला दी है। संक्रमण काल में इन स्वास्थ्य सुविधाओं के चलते स्थितियां काफी बिगड़ीं भी लेकिन इसके कुछ बेहतर परिणाम भी मिले। इंदौर जिले में स्वास्थ्य सुविधाएं अब सुधर रहीं हैं। संक्रमण से सबसे ज्यादा प्रभावित रही यहां की महू तहसील में इस बदलते परिदृश्य का सबसे बेहतर उदाहरण देखने को मिल रहा है।

यहां के एसडीएम आईएएस अधिकारी अभिलाष मिश्रा ने पिछले साल ही यहां के सरकारी अस्पताल को बेहतर करने का प्रयास शुरु किया था। पिछले साल तक रेफरल अस्पताल के नाम से बदनाम  यह अस्पताल अब जिले में कोरोना के इलाज के लिए एक शानदार सुविधा दे रहा है। यहां इंदौर, पीथमपुर के अलावा कई दूसरे जिलों के संक्रमितों ने भी आकर इलाज करवाया।

मध्यभारत अस्पताल में कोरोना का इलाज शुरु करने की पहल आईएएस मिश्रा की रही लेकिन महू शहर की सामाजिक संस्थाओं और समाजसेवियों ने भी हाथ बढ़ाए और अस्पताल में इलाज की तमाम सुविधाएं जुटा ली गईं। अब यहां के सरकारी अस्पताल में किसी अच्छे निजी अस्पताल की तरह आईसीयू और हाईड्रोलिक पलंग भी हैं।

अस्पताल में कई नए वार्ड बन गए हैं और अब यहां साठ लाख रुपये का ऑक्सीजन जनरेटर प्लांट स्थापित हो रहा है। ऐसे में अब यहां सामान्य दिनों में भी ऑक्सीजन को लेकर समस्या न होने की उम्मीद है।

कोरोना काल में एक सबसे बड़ी चुनौती संक्रमण का स्तर पता लगाने के लिए सीटी स्कैन मशीन की थी। बीते महीने तक शहर में केवल एक अस्पताल में यह मशीन थी।

तहसील में एक दिन में तीन सौ से अधिक संक्रमित मिल रहे थे और सीटी स्कैन करवाने के लिए लोगों को इंदौर, पीथमपुर तक जाना पड़ रहा था लेकिन जब समस्या बढ़ी तो लोगों ने इसकी भी तैयारी की।

शहर की एक जानी-मानी लैब ने सीटी स्कैन मशीन स्थापित की जहां किफ़ायती कीमत पर सीटी स्कैन किया जा रहा है। इसके अलावा अब सरकारी अस्पताल में भी सीटी स्कैन मशीन स्थापित की जा रही है। यह जांच मुफ्त तो नहीं होगी लेकिन यहां फीस कम होगी।

कोरोना के इलाज की इस पूरी कवायद में महू की पाथ और अग्रोहा नाम की संस्थाओं का सबसे महत्वपूर्ण योगदान रहा। जिन्होंने मध्यभारत अस्पताल में हर सुविधाएं जुटाने के लिए मदद दी और अपनी कंपनियों के कर्मचारियों की ड्यूटी तक लगाई।

इन कर्मचारियों ने भी हर स्तर पर पूरी शिद्दत के साथ काम किया। एक अनुमान के मुताबिक इन संस्थाओं ने इस संकट काल में बड़ी धनराशि खर्च की है।

महू की स्थानीय विधायक और प्रदेश की मंत्री उषा ठाकुर भी आगे रहीं। उन्होंने अस्पताल को सुविधाएं दिलवाने के लिए काफी प्रयास किये। ठाकुर ने लीडर की भूमिका निभाई और अस्पताल में कई सुविधाएं जुटाईं।

बीते महीने तमाम प्रयास जारी थे लेकिन संक्रमण की भयावहता इतनी अधिक थी कि यहां के श्मशान कम पड़ रहे थे। इस दौरान श्मशानों के दृश्य डराने वाले थे। ऐसे में एक नई तैयारी शुरु की गई और अब यहां एलपीजी से चलने वाला शवदाह गृह बनाया गया है। इसे विकास की संज्ञा तो नहीं दी जा सकती लेकिन निश्चित रुप से यह लोगों के लिए एक सुविधा है।


Related





Exit mobile version