इंदौर। इंदौर विकास प्राधिकरण यानी आईडीए ने प्राधिकारी स्वामित्व की योजना क्रमांक-54 में बाबा दिलीप सिंह बेदी ट्रस्ट को आवंटित चिकित्सा उपयोग के लिए दिया गया तीन एकड़ भूखंड का कब्जा वापस ले लिया। लगभग 150 करोड़ रुपये के इस बहुमूल्य भूखंड का उपयोग अब बेहतर स्वास्थ्य सुविधा के लिए हो सकेगा।
आईडीए ने स्कीम नंबर-54 में 30 साल पहले एक ट्रस्ट को अस्पताल निर्माण के लिए जमीन आंवटित की थी, लेकिन मौके पर तय लीज शर्तों के अनुसार न तो निर्माण हुआ और न स्वास्थ्य संबंधी गतिविधियां शुरू की गई। जमीन की लीज भी तीस साल की अवधि होने के कारण समाप्त हो चुकी है।
इस प्लॉट को लेकर आइडीए के सीईओ ने प्लॉट का कब्जा लेने का आदेश दिया था। तीन एकड़ की इस जमीन की कीमत करीब डेढ़ सौ करोड़ रुपये है। आईडीए के अधिकारी मंगलवार सुबह 11 बजे कब्जा लेने पहुंचे। अधिकारियों ने मौके पर प्राधिकरण के आधिपत्य का बोर्ड भी लगाने की तैयारी कर ली।
आईडीए ने तीन एकड़ भूमि न लाभ न हानि की शर्त पर 3.06 रुपये प्रतिवर्ग फीट के हिसाब से बाबा दिलीप सिंह बेदी चिकित्सालय एंव अनुसंधान केंद्र ट्रस्ट को आवंटित की थी। तय शर्तों के अनुसार तीन साल में मौके पर 70% निर्माण होना था, लेकिन ट्रस्ट ने ऐसा नहीं किया।
ट्रस्ट का कहना था कि जमीन के पास नाला बहता है और उसका पानी प्लॉट पर आ जाता है। ट्रस्ट ने लीज शर्तों का उल्लघंन नहीं किया। लीज शर्त में 70 प्रतिशत निर्माण का उल्लेख भी नहीं है। लीज रेंट भी समय-समय पर भरा जा चुका है।
कब्जा लेने के बाद भविष्य में तीन एकड़ का यह प्लॉट आईडीए फिर से बेच सकता है। इसका भूउपयोग स्वास्थ्य है। यह प्लॉट सुखलिया ग्राम चौराहे के समीप बहने वाले नाले के पास है और मौके पर अधूरा निर्माण भी वर्षों से था।
अभी बाबा दिलीप सिंह बेदी ट्रस्ट की ओर से कोई प्रतिक्रिया नहीं आई है।
आईडीए ने कहा कि इस प्लॉट से प्राप्त आय का उपयोग शहर हित में अधोसंरचना विकास कार्यों, फ़्लाईओवर, रोड निर्माण एवं योजना क्षेत्र विकास के लिए किया जाएगा।