RRCAT इंदौर में आज़ादी के अमृत महोत्सव के तहत ‘आइकोनिक वीक’ की शुरुआत


अतिथियों ने स्वास्थ्य और परमाणविक ऊर्जा के क्षेत्र में भारत की प्रगति के बारे में लोगों को बताया


DeshGaon
इन्दौर Updated On :

इंदौर। परमाणु ऊर्जा विभाग के राजा रामन्ना प्रगत प्रौद्योगिकी केंद्र (आरआरकैट) के कन्वेंशन सेंटर के होमी भाभा सभागार  में आज़ादी के अमृत महोत्सव के प्रतिष्ठित सप्ताह (डी ई ए आइकोनिक वीक) का उदघाटन पिछलेे दिनोंं किया गया।

इस कार्यक्रम में स्वागत भाषण और व्याख्यान आरआरकैट के निदेशक डॉ शंकर नाखे ने दिया और अपने इस वक्तव्य में उन्होंने राष्ट्र के लिए आरआरकैट के वैज्ञानिक योगदान के बारे में बताया।

कार्यक्रम की मुख्य अतिथि फाउंडेशन फॉर एनवायर्नमेंटल मेडिसिन की संस्थापक और निदेशक डॉ रोहिणी चौगले थीं। जिन्होंने लोगों को लाइफ लाइन एक्ससप्रेस नाम की रेल पर चलने वाली सुपर स्पेशलिटी अस्पताल के इतिहास और कार्य शैली के बारे में बताया।

डॉ रोहिणी ने बताया कि 1991 से चलने वाली यह ट्रेन सिर्फ ऐसे क्षेत्रों में जाती है जहाँ स्वास्थ्य संबंधित मूल भूत सुविधाएं भी नहीं हैं । 31 वर्षों में यह ट्रेन 25 राज्यों के 150 से अधिक जिलों में 30 लाख से अधिक मरीज़ों को निशुल्क चिकित्सा प्रदान कर चुकी है। यह “मैजिक ट्रेन”, जो हर स्थान पर 25 दिनों के लिए रुकती है, अब तक 2,52,000 से अधिक आवश्यक निशुल्क सर्जरी करवा चुकी है और मरीजों को 2,55,000 से अधिक उपकरण प्रदान कर चुकी है। कोविड पैंडेमिक शुरू होने के बाद से 25,000 से ज़्यादा मरीजों की जाँच की जा चुकी है।

समारोह का पहला व्याख्यान डॉ यू कामाची मुदली, कुलपति, वी आई टी भोपाल यूनिवर्सिटी, भूतपूर्व चेयरमैन एवं चीफ एक्सिक्यूटिव हैवी वॉटर बोर्ड (परमाणु ऊर्जा विभाग ) ने दिया।

उन्होंने अपने व्याख्यान में बताया कि शुरुआत में परमाणु ऊर्जा विभाग हैवी वॉटर का आयात करता था पर अब इस क्षेत्र में भारत आत्म निर्भर है। उन्होंने यह भी बताया कि परमाणु ऊर्जा से मात्र 2.8 % बिजली उत्पन्न हो रही है जिसे बढ़ाया जा रहा है। समारोह में उपस्थित रहे एक श्रोता के सवाल के जवाब  में उन्होंने बताया कि इस क्षेत्र में भारत निरंतर प्रगति कर रहा है, गति धीमी इसलिए लगती है क्यूंकि हम बिना किसी अन्य देश पर निर्भर हुए सारा कार्य करते हैं।

दूसरा व्याख्यान डॉ उपिंदर धार, कुलपति श्री वैष्णव विद्यापीठ विश्व विद्यालय इंदौर, ने दिया। उन्होंने विज्ञान और प्रौद्योगिकी की सहायता से पर्यावरण पर आये संकट को कम करने पर अपने विचार प्रकट किये।

तीसरा व्याख्यान परमाणु ऊर्जा विभाग के फैलो और प.ऊ.वि शाखा सचिवालय नई दिल्ली के पूर्व ओएसडी डॉ एसके गुप्ता ने दिया। उन्होंने परमाणु ऊर्जा विभाग का इतिहास और उसके विभिन्न इकाइयों के बारे में एक लघु फिल्म और एक पी.पी.टी के माध्यम से श्रोताओं को अवगत कराया।

अभिवादन व कार्यक्रम संचालन सार्वजनिक आउटरीच समिति के सह-अध्यक्ष डॉ एस के मजूमदार ने किया। पुरुषोत्तम श्रीवास्तव, समूह निदेशक, प्रोटॉन त्वरक समूह ने आभार प्रकट किया।

 


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