इंदौर। ग्राम पंचायत में अनियमितता और भ्रष्टाचार का एक मामले की सुनवाई अब हाईकोर्ट में होगी। इस मामले में शिकायतकर्ता द्वारा लगाई गई याचिका हाईकोर्ट में स्वीकृत हो चुकी है।
महू जनपद पंचायत क्षेत्र की भाटखेड़ी पंचायत में भ्रष्टाचार का यह मामला सामने आया था। शिकायतकर्ता इस्तीयार कुरैशी के द्वारा इस मामले में शिकायत की गई थी। उनकी करीब साल भर की कागज़ी कवायद के बाद जनपद पंचायत महू द्वारा मामले में जांच शुरू की गई।
जांच में कई बिंदुओं पर शिकायत सही पाई गई। इस्तीयार कुरैशी के मुताबिक उनकी याचिका को हाईकोर्ट ने स्वीकार कर लिया है। पंचायत में बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार सामने आया। पंचायत द्वारा कई सरकारी भवन एक निजी कॉलोनी की जमीनों पर बना दिए गए।
इसके बारे में जानकारी जनपद पंचायत के द्वारा की गई जांच में भी सामने आई है। यही नहीं पंचायत के द्वारा खरीदी करने संबंधी अनियमितताएं भी मिली हैं। पंचायत में सबसे महत्वपूर्ण अनियमितता शौचालय निर्माण को लेकर थी।
सड़क निर्माण को लेकर जनपद पंचायत की टीम ने पूरी जांच की और अपनी रिपोर्ट में इसका उल्लेख किया है। यहां बहुत से बंगलों में तक पंचायत ने शौचालय निर्माण दिखाए हैं। इनमें से कुछ भवन मालिकों ने शपथपत्र देकर कहा है कि उनके घरों में पंचायत ने कोई शौचालय नहीं बनाए हैं और न ही उनके बैंक खातों में कोई पैसे आए हैं।
शिकायतकर्ता इस्तीयार खान ने इस सूचना के अधिकार के तहत इसके बारे में जानकारी हांसिल की थी। जिसके बाद कई लोगों को पता चला कि उनके बंगलों में गरीबों को दिए जाने वाले बारह हज़ार रुपये के शौचालय भी पंचायत ने बना दिए हैं।
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जनपद पंचायत महू की टीम ने कई बिंदुओं पर जांच कर ली और इन्हें सही भी पाया। इसके लिए पंचायत को दोषी भी माना गया जिसके बाद जानकारी इंदौर जिला पंचायत भेजी गई। जिला पंचायत से सभी को नोटिस जारी किए जाने थे लेकिन यह प्रक्रिया लगातार लंबी होती जा रही थी।
इसके अलावा शिकायतकर्ता ने यह भी बताया उनकी पंचायत में पिछले 5 सालों से ताला लगा हुआ है और पंचायत हाईवे पर एक निजी भवन में चलाई जाती है। ऐसे में ग्रामीण लगातार परेशान होते हैं इस बारे में अधिकारियों को कई बार बताया गया लेकिन कभी कोई सुनवाई नहीं हुई।
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हालांकि जिला पंचायत के सीईओ हिमांशु रॉय लगातार इस बारे में कहते रहे हैं कि वे नोटिस भेज रहे हैं और कार्रवाई करेंगे लेकिन कोई कार्रवाई अब तक नहीं की गई। इसके बाद शिकायतकर्ता ने हाईकोर्ट का रास्ता चुना है।
यह मामला चर्चाओं में इसलिए भी है क्योंकि जनपद पंचायत की जांच रिपोर्ट में जनपद पंचायत के उपाध्यक्ष मेहमूद सेठ का भी नाम है, वे पहले भाटखेड़ी पंचायत के सरपंच भी रहे हैं। इस क्षेत्र में मेहमूद सेठ ने अपना काफ़ी वर्चस्व बना रखा है। इंदौर जिले में कम ही ऐसे मामले हैं जहां पंचायत में हुए भ्रष्टाचार को लेकर हाईकोर्ट में सुनवाई होगी।