इंदौर। नगर पालिका पीथमपुर में इन दिनों खासी गहमागहमी चल रही है। पिछले दिनों यहां से सीएमओ गजेंद्र सिंह बघेल का तबादला कर दिया गया है और नई सीएमओ के तौर पर डॉ मधु सक्सेना की पीथमपुर वापसी हुई। डॉ. मधु सक्सेना तीसरी बार यहां के सीएमओ बनी है। बताया जाता है कि उनके नाम की अनुशंसा यहां के नेताओं ने की थी जिसके बाद उन्हें इंदौर विकास प्राधिकरण से यहां वापस लाया गया है। सीएमओ बघेल अब कुछ महीनों में रिटायर होने वाले हैं और उनकी इच्छा है कि वह पीथमपुर में ही रहकर अपनी नौकरी पूरी करें।
सीएमओ गजेंद्र सिंह बघेल ने अपने तबादले के विरोध में हाई कोर्ट में याचिका भी लगाई है जिसकी सुनवाई इन दिनों जारी है। वे अपने तबादले पर स्टे लेना चाहते हैं। वहीं उनका तबादला करवाने वाले इसे लेकर सक्रिय हैं। सीएमओ डॉ. मधु सक्सेना और अध्यक्ष कविता वैष्णव ने अपने अपने मजबूत वकीलों को हाईकोर्ट में लगाया हुआ है। मामले की सुनवाई जस्टिस रोहित आर्य की बेंच कर रही है। ऐसे में हाईकोर्ट अगर बघेल को स्टे देता है तो वे नपा के सीएमओ बने रहेंगे और डॉ. मधु सक्सेना को कुछ और इंतजार करना होगा।
इस मामले में जल्दी ही फैसला आ सकता है। जो तय करेगा कि 300 करोड़ रुपए के सालाना बजट वाले इस निकाय में अब कौन सा अधिकारी काम करेगा। इस नपा का बजट ही इसके आकर्षण का सबसे बड़ा केंद्र भी बताया जाता है।
नगरपालिका के वकीलों ने हाईकोर्ट में जो तर्क दिए हैं उनके अनुसार सीएमओ गजेंद्र सिंह बघेल पर डिवाइन वेस्ट मैनेजमेंट कंपनी को अनैतिक रूप से लाभ देने का आरोप है। ऐसे में उनकी मौजूदगी जांच को प्रभावित कर सकती है। हालांकि जिस डिवाइन वेस्ट मैनेजमेंट कंपनी के खिलाफ जांच की बात नगर पालिका कह रही है वह अभी भी बेरोकटोक नपा में अपनी सेवाएं दे रही है। बघेल के कार्यकाल के दौरान उक्त कंपनी को नगर पालिका के अधिकारियों और जनप्रतिनिधियों ने मिलकर करीब सात करोड़ रुपए का लाभ पहुंचाया है।
शुरुआती जांच में यह बात सिद्ध हो चुकी है जिसके बाद एक आरोप पत्र बघेल को दिया गया है। हालांकि वरिष्ठ अधिकारियों ने इस आरोप पत्र में अध्यक्ष का पूरी तरह बचाव किया है जबकि निकाय से जुड़े किसी भी फैसले में सीएमओ और अध्यक्ष बराबर के हिस्सेदार होते हैं। हालांकि बताया जाता है कि बघेल ने वरिष्ठ अधिकारियों के दिए गए अपने जवाब में लिखा है कि डिवाइन वेस्ट मैनेजमेंट कंपनी को लाभ देने के मामले में भी अकेले ही जिम्मेदार नहीं है बल्कि पूरा तंत्र है। ऐसे में बहुत से दूसरे अधिकारी और अध्यक्ष भी जिम्मेदार होने चाहिए।
बताया जाता है गजेंद्र सिंह बघेल का सीएमओ पीथमपुर के पद से यह तबादला अध्यक्ष कविता वैष्णव के पति संजय वैष्णव की मंशा पर हुआ है। स्थानीय लोगों के मुताबिक नगर पालिका पीथमपुर में खासा दखल रखने वाले संजय वैष्णव यहां के अघोषित अध्यक्ष ही रहे हैं। वैष्णव और पूर्व सीएमओ बघेल की अनबन कुछ महीनों पहले हुई जो अब तक जारी थी। इसके बाद बघेल के तबादले के लिए संजय वैष्णव ने कई बार भोपाल जाकर राजनेताओं से मुलाकात की और अपने करीबी नेताओं से सिफारिशें करवाईं हैं।