इंदौर। शहर में एक गुनाहगार पिता के गुनाहों कि सज़ा उसके दुधमुंहे मासूम को मिल रही थी। पिछले दिनों घर में शराब मिलने पर एक महिला और घर के अन्य सदस्यों को लसूड़िया थाना पुलिस ने कोर्ट में पेश कर जेल भेज दिया था।
मां का दूध और ममता का आंचल नहीं होने से बच्चे कि तबीयत बिगड़ने लगी और गंभीर हालत में उसे पलासिया स्थित एक निजी अस्पताल के आईसीयू में भर्ती किया गया।
इस बीच मामले की गंभीरता को देखते हुए मां को तत्काल जमानत के लिए उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाना पड़ा। जिस पर सोमवार को विशेष न्यायधीश द्वारा सुनवाई कर खुशी यादव नाम की महिला को जमानत पर रिहा किया गया।
दरसअल, पूरी घटना इन्दौर के लसूड़िया थाना क्षेत्र के इंदिरा नगर की है जहां लसूड़िया पुलिस ने होली के दिन हिस्ट्रीशीटर बदमाश के घर पर छापामार कार्रवाई करते हुए मौके से शराब जब्त की थी।
पुलिस ने आरोपी की पत्नी खुशी और घर की अन्य महिलाओं पर एफआईआर दर्ज की थी जिस पर पुलिस द्वारा कुछ जरूरी कागजी खानापूर्ति कर महिला को जेल भेज दिया गया था।
वहीं हाईकोर्ट के वकील राम गुर्जर व सारांश जैन के मुताबिक अपर सत्र न्यायाधीश के समक्ष निर्वाचन आवेदन प्रस्तुत किया था जो कि निरस्त कर दिया गया था जिसके बाद अधिवक्ताओं द्वारा उच्च न्यायालय के समक्ष जमानत आवेदन पेश किया गया, जिसमें बताया गया कि महिला के 8 माह के बच्चे की हालत बिगड़ गई है जिसका निजी हॉस्पिटल में इलाज करवाया जा रहा है।
हालांकि, सोमवार को मासूम की मां को जमानत मिल गई और महिला जेल से छूटने के बाद सीधे अपने बेटे से मिलने अस्पताल पहुंची। एडवोकेट सारांश जैन ने बताया कि ये बड़ी बात है कि छुट्टी के दिन आम आदमी के लिए कोर्ट खुली है और एक आम आदमी को न्याय मिला है।