महूः पकड़ा गया सैन्य संस्थान में हफ्तेभर से घूम रहा तेंदुआ


सैन्य संस्थान एमसीटीई में घूम रहा था तेंदुआ, एक हफ्ते से परेशान थे यहां के रहवासी और अधिकारी


अरूण सोलंकी
इन्दौर Published On :
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इंदौर। महू छावनी के सैन्य संस्थान मिलेट्री कॉलेज ऑफ टेलीकम्यूनिकेशन में पिछले दिनों घुसा तेंदुआ आख़िरकार पकड़ लिया गया। वन विभाग ने इसे पकड़ने के लिए एक पिंजरा लगाया था जिसमें यह तेंदुआ घुसा और पकड़ा गया। इसके बाद सैन्य संस्थान परिसर के कर्मचारियों और यहां रहने वाले लोगों ने राहत महसूस की है हालांकि चिंता इस बात की है कि अब वन्य जीव महू शहर की सीमा के सबसे नज़दीक आ चुके हैं।

यह तेंदुआ पिछले शुक्रवार को इस विशाल परिसर की करीब दस फुट उंची दीवारें फांदकर घुस आया था लेकिन उंची दीवारें फांदकर वापस नहीं जा पा रहा था।

तेंदुए के चलते पिछले करीब एक हफ़्ते से इस सैन्य संस्थान में लोगों की गतिविधियां बेहद सीमित रहीं। कम आवाजाही वाली सड़कों पर लोग नहीं जा रहे थे वहीं रहवासी परिसर के पार्क भी खाली थे क्योंकि बच्चों को तेंदुए के डर से यहां जाने के लिए मनाही थी।

इस दौरान कर्मचारियों और अधिकारियों का काम भी प्रभावित हो रहा था। वहीं तेंदुए की गतिविधियां जारी थी बुधवार को उसने यहां एक कुत्ते को मार दिया। संस्थान के सीसीटीवी कैमरों से तेंदुए की गतिविधियों के वीडियो भी रिकार्ड हुए जिनके आधार पर उसकी आवाजाही का पता लगाया गया।

हालांकि वन विभाग काफी मश्क्कत के बाद भी इसे पकड़ने में अब तक विफल ही रहा था। इससे सैन्य संस्थान के अधिकारी भी परेशान थे। जिसके बाद उन्होंने पिछले दिनों वन विभाग के अधिकारी को बुलाकर चेतावनी दी कि अगर परिसर में कोई अप्रिय घटना होती है तो इसकी जवाबदेही वन विभाग की होगी।

इसके बाद वन विभाग के अधिकारी कुछ और गंभीर हुए और तेंदुए को पकड़ने के प्रयास तेज़ किए गए। इसके बाद सैन्य क्षेत्र में रालामंडल एसडीओ युहान कटारा, महू एसडीओ कैलाश जोशी, रालामंडल रेंजर यादव, महू रेंजर सचिन वर्मा, डिप्टी रेंजर पवन जोशी समेत एक बड़ी रेस्क्यू टीम तैनात की गई और इस टीम ने एक रणनीति के तहत निगरानी के लिए कैमरों के साथ तेंदुए को पकड़े के लिए पिंजरे भी बढ़ाए।

अपने इतने नज़दीक जंगली जानवर की इन गतिविधियों के बारे में जानकर आसपास के लोग भी परेशान हैं। उनके मुताबिक अब यह खतरा लगा रहेगा क्योंकि जंगलों से जानवर अब शहर की ओर आने लगे हैं। यह पहली बार है कि महू शहर के इतने नज़दीक इस तरह तेंदुआ आया और इतने दिनों तक बना रहा। पर्यावरण पर काम करने वाले लोगों के मुताबिक यह जंगलों के खत्म होने की निशानी है जो अब जानवर इस ओर आ रहे हैं।

इसे लेकर आसपास के ग्रामीण भी परेशान हैं। इस इलाके में सैन्य अधिकारियों के बड़े फैले हुए घर भी हैं जिनमें जानवर का छिपना आसान है। ऐसे में अब यहां की आबादी भी इसे लेकर खतरा महसूस कर रही है। हालांकि बहुत से लोग इसे पर्यावरण के मुद्दा मान रहे हैं।


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