डॉक्टरों की खुशी के लिये सांसद लालवानी ने किया वैक्सीनेशन का नाटक, कांग्रेस जांच पर अड़ी


वैक्सीनेशन लगवाने के नाटक को लालवानी ने भी स्वीकार किया। उन्होंने साफ किया कि वे तो पहले ही वैक्सीनेशन करवा चुके हैं यह वीडियो तो उस समय लिया गया जब डॉक्टर उनके पास फोटो खिंचवाने की मंशा से आए थे और उन्हें वैक्सीनेशन की प्रक्रिया को रिक्रिएट करना पड़ा। 


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इन्दौर Updated On :

इंदौर। पहले से ही जन्मदिन की तारीख को लेकर सवालों के घेरे में आये इंदौर से बीजेपी सांसद शंकर लालवानी एक बार फिर सवालों के बवंडर में फंसते नजर आ रहे हैं। दरअसल, एक दैनिक अख़बार के खुलासे के बाद उन्हें आलोचना झेलनी पड़ रही है और कांग्रेस ऐसा करने में पीछे नहीं हैं।  मामला लालवानी के दिखावटी वैक्सीनेशन से जुड़ा है।

खबरों के मुताबिक इंदौर सांसद शंकर लालवानी ने एक निजी अस्पताल में जाकर कोरोना की वैक्सीन लगवाई है, लेकिन सांसद के वैक्सीनेशन को लेकर मीडिया में सवाल उठे जिसके बाद कांग्रेस ने कई सवाल सांसद और बीजेपी पर खड़े किये हैं।

इधर, सवाल ये उठ रहे हैं कि सांसद शंकर लालवानी झूठ बोल रहे हैं या फिर वो गंभीर नहीं हैं। दरअसल, मध्यप्रदेश कांग्रेस कमेटी के प्रदेश सचिव राकेश यादव ने कहा कि एक दिन पहले सांसद शंकर लालवानी ने वीडियो जारी किया था जिसमें वे एक अस्पताल में कोरोना वैक्सिन ले रहे है और यह वीडियो सभी जगह सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है।

राकेश यादव ने आरोप लगाया कि वीडियो में साफ दिख रहा है कि सांसद वैक्सीन नहीं ले रहे हैं बल्कि वैक्सीन लेने का नाटक कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि वे वीडियो में एक्टिंग इतनी अच्छी कर रहे हैं  जैसे उनके हाथ मे सुई लगी है और उन्हें दर्द हो रहा है।

 

 

वैक्सीनेशन लगवाने के नाटक को लालवानी ने भी स्वीकार किया। उन्होंने साफ किया कि वे तो पहले ही वैक्सीनेशन करवा चुके हैं। यह वीडियो तो उस समय लिया गया जब डॉक्टर उनके पास फोटो खिंचवाने की मंशा से आए थे और उन्हें वैक्सीनेशन की प्रक्रिया को रिक्रिएट करना पड़ा।

सांसद शंकर लालवानी का बयान है आया कि

इस मामले को लेकर कहा कि हमारे कुछ कांग्रेसी मित्र भ्रम फैला रहे हैं कि मैंने वैक्सीन नही लगवाई। मैं आपको बता दूं कि मैंने अस्पताल जाकर वैक्सीन लगवाई है और उसके बाद वहां डॉक्टर और स्टाफ ने कहा कि हमारे साथ फोटो नहीं हुआ है। हम फ़ोटो लेना चाहते हैं जिसके बाद मैंने स्वाभाविक रुप से सेवा कार्य मे लगे हुए डॉक्टरों के साथ फोटो खिंचवाया।

 

वहीं सांसद ने कहा कि कांग्रेसी बाद वाला वीडियो और फ़ोटो वायरल कर रहे हैं। मुझे कांग्रेसी मित्रों की प्रमाणिकता को जरूरत नहीं है। सांसद ने कहा कि पीएम मोदी के आह्वान पर हम शहर में ये ही संदेश दे रहे हैं कि लोग ज्यादा से ज्यादा कोरोना वैक्सीन लगवाएं और आरोप लगाने वाले वही लोग हैं जो वैक्सीन को पीएम मोदी और बीजेपी की बता रहे थे और ये वैक्सीन वैज्ञानिकों ने बनाई है। इसे लगवाना हम सबके लिए आवश्यक है।

इधर, कांग्रेस ने सांसद लालवानी को इस मामले में कहा कि यदि उनको स्टाफ के साथ फोटो खिंचवाना था तो फिर एक्टिंग करने की आवश्यकता नहीं थी। कांग्रेस के प्रदेश सचिव ने कहा कि जब भी कोरोना वैक्सीन लगता है तो ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन होता है और आधार कार्ड नंबर लगता है और ये दोनों चीजें अस्पताल व सीएमओ के रिकॉर्ड में नहीं हैं जिससे साफ हो रहा है कि सांसद ने वैक्सीन नहीं लगवाया है और धोखा दिया है।

कांग्रेस ने कहा कि सांसद सहित बीजेपी के कितने नेता इस मामले में झूठ बोल रहे हैं इस बात की भी जांच होनी चाहिए क्योंकि ये सांसद के स्वास्थ्य का सवाल है और वो झूठ बोल रहे हैं या नहीं बोल रहे हैं तो इसके लिए जांच कमेटी बनना चाहिये ताकि यदि टीका नहीं लगवाया है तो प्रशासन अपनी देखरेख में सांसद को टीका लगवाए क्योंकि उनका स्वस्थ रहना इंदौर शहर के लिए बहुत जरूरी है।

फिलहाल, आरोप प्रत्यारोप की राजनीति में बात अब वैक्सीनेशन की जांच पर आकर टिक गई है। ऐसे में सवाल ये उठता है कि यदि कोई जांच कमेटी बनती और जांच करती भी है तो सांसद को कोई फर्क नही पड़ना चाहिए क्योंकि उन्होंने तो वैक्सीन लगवाई है जिसकी पुष्टि वे कर ही रहे हैं। ऐसे में जांच में यदि आरोप लगाने वाले दोषी होते है तो फजीहत कांग्रेस की ही होगी।


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