पचास करोड़ का राशन घोटालाः अग्रवाल की करोड़ों की ज़मीन पर प्रशासन ने लिया कब्ज़ा


महू में पचास करोड़ रुपये का राशन घोटाला सामने आने के बाद इस घोटाले के मुख्य आरोपी मोहन लाल अग्रवाल पर लगातार प्रशासनिक कार्रवाईयां होती रहीं लेकिन पिछले कुछ समय से यह मामला शांत बना हुआ था। इस शांति को लेकर तरह-तरह के कयास लगाए जा रहे थे। लेकिन अब इस मामले में एक बार फिर सुगबुगाहट नजर आ रही है। 


अरूण सोलंकी
इन्दौर Updated On :
अग्रवाल की ज़मीन पर बनी दीवार को प्रशासन ने गिराकर ज़मीन को अपने कब्जे में ले लिया है


इंदौर। करोड़ों के राशन घोटाले के आरोपी महू तहसील में कांग्रेस नेता मोहनलाल अग्रवाल पर  प्रशासन की कार्रवाई लगातार जारी है। इस बार अग्रवाल की करीब दो बीघा जमीन को प्रशासन ने अपने कब्जे में ले लिया है। इस जमीन की कीमत भी करोड़ों में बताई जा रही है।
इस जमीन पर अग्रवाल ने एक पेट्रोल पंप बना रखा है। कुछ समय पहले ही यहां से हज़ारों लीटर कैरोसीन प्रशासन ने ज़ब्त किया था।

महू में पचास करोड़ रुपये का राशन घोटाला सामने आने के बाद इस घोटाले के मुख्य आरोपी मोहनलाल अग्रवाल पर लगातार प्रशासनिक कार्रवाई होती रहीं लेकिन पिछले कुछ समय से यह मामला शांत बना हुआ था। इस शांति को लेकर तरह-तरह के कयास लगाए जा रहे थे। लेकिन अब इस मामले में एक बार फिर सुगबुगाहट नजर आ रही है।

मानपुर मार्ग पर भिचौली फाटे में मोहनलाल अग्रवाल की जमीन पर बने एक पेट्रोल पंप की जमीन पर बनी दीवार को तोड़ कर प्रशासन ने गुरूवार को अपने कब्जे में ले लिया। गुरूवार को हुई यह कार्रवाई एसडीएम अभिलाष मिश्रा के निर्देशन में  मानपुर तहसीलदार विवेक सोनी ने अपन दल के साथ की। कब्जे में ली गई जमीन की कीमत करोड़ों में बताई जा रही है। इस कार्रवाई के दौरान भारी मात्रा में पुलिस बल भी तैनात किया गया था लेकिन कार्रवाई का किसी तरह का विरोध नहीं हुआ।

आरोपी मोहनलाल अग्रवाल

यहां बने पेट्रोल पंप की टंकियों से प्रशासन ने दो महीने पहले करीब तीस हजार लीटर कैरोसीन जब्त किया था। यह कैरोसीन सरकारी राशन की दुकानों का बताया गया था जिसे लोगों को वितरित किया जाना था लेकिन अग्रवाल ने अपने नेटवर्क की मदद से उसे यहां एकत्रित करके रख लिया।

उल्लेखनीय है कि मोहन लाल अग्रवाल और उनके बेटों पर महू में राशन की दुकानों में घोटाला करने का आरोप है। प्रशासन के मुताबिक यह घोटाला पिछले कम से कम दस साल से जारी था। इस दौरान राशन की दुकानों में दिया जाने वाला अनाज अग्रवाल अपने गोदामों पर उतार लेता था और उसे खुले बाजार में उंचे दामों पर बेचता था। घोटाले में कई शासकीय अधिकारियों के शामिल होने की भी जानकारी प्रशासन ने दी थी हालांकि इस बारे में किसी ठोस कार्रवाई नहीं की गई है। आरोपी मोहनलाल अग्रवाल काफी समय तक फरार रहने के बाद सरेंडर कर चुका है।


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