इंदौर। क्षेत्र के किसानों के लिए एक अच्छी खबर आ रही है। इंदौर जिले में जल्द ही किसानों को करीब तीस करोड़ रुपये मिलने वाले हैं। यह पैसे किसानों के ही हैं जो अब तक रुके हुए थे। ख़बरों की मानें तो शासन स्तर से जल्द ही किसानों को इसका भुगतान किया जाएगा।
कमलनाथ सरकार के कार्यकाल के दौरान बेचे गए प्याज की भावांतर योजना के तहत मिलने वाली राशि किसानों को अब तक नहीं मिली है। इंदौर जिले के 7130 किसान ऐसे हैं जिन्हें यह राशि अब तक नहीं दी गई है। ये किसान कई बार उद्यानिकी और कृषि विभाग के अधिकारियों के पास जाकर इसकी मांग कर चुके हैं। इसी मामले को लेकर भारतीय किसान मजदूर संघ सोमवार चार जनवरी को मुख्यमंत्री के नाम एक ज्ञापन कलेक्टर को सौपेंगे।
किसानों के मुताबिक वे करीब दो साल से इसके लिए इंतजार कर रहे हैं लेकिन अब तक कोई ठोस जवाब नहीं मिला था। प्रदेश सरकार द्वारा पिछले दिनों किसानों को फसल खराबी राशि और केंद्र सरकार द्वारा किसान सम्मान निधि की किश्त जारी होने के बाद उन्हें अब एक बार फिर उन्हें इसे लेकर आशा बंधी है।
जिले में 7130 किसानों को भावांतर की राशि दी जानी है। उद्यानिकी विभाग के अधिकारियों के मुताबिक यह राशि करीब साठ करोड़ रुपये की होती है और करीब तीस करोड़ रुपये किसानों के खाते में जा चुके हैं वहीं इसकी दूसरी किश्त मिलना अब तक शेष है।
इस योजना के तहत प्याज के भाव 800 रुपये क्विंटल तय किए थे। इससे कम भाव मिलने पर भाव के अंतर की राशि सरकार द्वारा किसानों के बैंक खाते में डालने का प्रविधान था।
आलू उत्पादक किसानों के लिए अच्छी ख़बर…
मामले में किसान संघ के नेता मोहन लाल पांंडे ने बताया कि उन्होंने इस मामले में मंत्री उषा ठाकुर से बात की है और उन्होंने विश्वास दिलाया है कि वे जल्दी ही जिले के किसानों की इस समस्या का समाधान करवाएंगी।
उद्यानिकी विभाग के उपसंचालक त्रिलोक चंद्र वास्केले के मुताबिक अब तक राशि उपलब्ध नहीं होने से यह परेशानी हुई है लेकिन उम्मीद है कि इसी जनवरी तक यह राशि किसानों के खाते में पहुंच जाए।
उल्लेखनीय है कि इसके बाद से किसानों को भावांतर योजना का लाभ नहीं मिल सका है। मालवा क्षेत्र के किसान इन दिनों आलू के कम दामों को लेकर खासे परेशान हैं और लगातार सरकार से सहायता की मांग कर रहे हैं।